सड़कों में गड्ढे, किनारों पर भांग

मैहतपुर (ऊना)। सड़काें पर गड्ढे और किनारों पर भांग, कुछ ऐसी ही कहानी बयां करती हैं ऊना जिला के सरहदी क्षेत्र मैहतपुर की संपर्क सड़कें। इनकी दशा को देख नहीं लगता कि विभाग ने कभी इनकी सुध लेने की जहमत उठाई हो। मैहतपुर-संतोषगढ़ संपर्क सड़क जिसे प्रदेश में पहला डबल लिंक रोड का दर्जा देकर पौने तीन करोड़ रुपये से बनाया गया है, एक साल के अंदर ही विभाग को पैच लगाकर इस मार्ग पर पडे़ गड्ढों को ढकना पड़ा। रेलवे स्टेशन से आगे संतोषगढ़ तक इस अहम संपर्क सड़क की जो हालत हो गई है, उसे देखकर हर कोई विभाग की कारगुजारी पर अंगुली उठाता नजर आता है। बनगढ़-नंगड़ा वाया रायपुर सहोड़ां संपर्क सड़क की तो पिछले 37 साल से लोक निर्माण विभाग ने सुध ही नहीं ली है। रायपुर सहोड़ां ग्राम पंचायत के पूर्व प्रधान रोशन लाल सहोड़ के मुताबिक 1975-76 में बने इस लिंक रोड़ को महज दो दफा ही बनाया गया। इसके बाद विभाग ने कभी भी इस लिंक रोड की सुध तक नहीं ली है। हरिजन बस्ती को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग की कभी मरम्मत नहीं की गई। मैहतपुर-भटोली बनगढ़ संपर्क मार्ग खस्ता हाल में है। आईआरबी बटालियन बनगढ़ को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग की हालत खस्ता है। भटोली-बभौर साहिब लिंक रोड पर गहरे गड्ढों को भरने का विभाग को कभी ख्याल नहीं आया। लमलेहड़ा को पेखूबेला से जोड़ने वाले संपर्क मार्ग की दुर्दशा सुधारने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। क्षेत्र के लोगों लखवीर सिंह, मनोज कुमार, सुशील, राकेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, दीपक, विनोद, प्रभात तथा प्रेमचंद समेत अन्य लोगों की मानें तो संपर्क मार्गों की खस्ता हालत तो दूर मेन सड़कों की हालत को सुधारने की ओर विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है।

पहले से बेहतर हुई स्थिति : विभाग
लोकनिर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एचसी भारद्वाज का कहना है कि बजट के अनुरूप सड़कों की मरम्मत का काम करवाया जा रहा है। उन्होंने दावा किया कि संपर्क सड़कों की हालत पहले से बेहतर हुई है।

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