कानून का पालन करे , भ्रष्टाचार स्वत: मिट जाएगा : वीरेन्द्र खागटा

कानून विश्वास के लिए है बिनाश के लिए नहीं ! मगर कानून को बनाने वाले और इसके रख वाले इसको महज आम जन मानस के लिए बनाया गया नियम मात्र न समझे ! बल्कि वे स्वयं भी इसका हिस्सा होने का पालन करे ! जब एक आम आदमी से कानून की अवेहलना हो जाए तो वह बहुत भयभीत हो जाता है क्यों की उसे कानून की पूर्ण जानकारी नहीं होती ! जब कोई नेता, न्यालय से सम्बन्ध रखने वाला या कोई उच्च पद पर आसीन व्यक्ति कानून को पैरो तले…

Read More

कानून, बिचार , व्यवहार पर करे अम्ल

(वीरेन्द्र खागटा ) यही अपने आप में बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली में सामूहिक बलात्कार की हिला देने वाली घटना की पृष्ठभूमि में तैयार दुष्कर्म-रोधी (संशोधन) विधेयक को लोकसभा में पारित कराते समय दो सौ सांसद भी मौजूद नहीं थे। लेकिन इस पर बहस के दौरान विपक्षी सांसदों में से अधिकांश ने औरतों की असुरक्षा के जो तर्क गिनाए, वे तो और भी हैरान करने वाले हैं। औरतों के बारे में उनकी सोच और बहस के उनके स्तर से पता ही नहीं चलता कि वे कानून बनाने वाली देश की…

Read More

सरकार की दोहरी मुश्किल

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में श्रीलंका के खिलाफ अमेरिका का प्रस्ताव पिछले वर्ष की तुलना में कठोर हो सकता है, जिसमें गृहयुद्ध की जांच की मांग अंतरराष्ट्रीय आयोग से हो सकती है। पिछले वर्ष के प्रस्ताव में 26 वर्ष लंबे चले जातीय युद्ध की समाप्ति के बाद श्रीलंका में ‘सामंजस्य और जवाबदेही’ बढ़ाने पर जोर दिया गया था, जिससे इसके पक्ष में भारत को वोट डालने में विशेष परेशानी नहीं हुई थी। लेकिन अभी यूपीए के अहम घटक द्रमुक और तमिलनाडु में सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक जिस तरह सरकार पर दबाव बना…

Read More

खतरे की घंटी

संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण ने देश की आर्थिक दशा की जो तस्वीर खींची है, उससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में डीजल और एलपीजी के साथ ही खाद्य सब्सिडी निशाने पर हो सकती है। शिकागो विश्वविद्यालय से संबद्ध मुख्य आर्थिक सलाहकार रघुराम राजन की अगुआई में तैयार किए गए इस दस्तावेज को चेतावनी माना जाए, तो यदि सब्सिडी में कटौती नहीं की गई, तो वैश्विक स्तर पर हालात सुधरने के बाद भी हमारी अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। अमूमन सरकार की आर्थिक नीतियों को…

Read More

भारत-विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र अब किस ओर जा रहा है

भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र तथा 7वां सबसे बड़ा देश है। अनेक धर्मों, भाषाओं व मत-मतांतरों के इस देश में हिन्दू, बौद्ध, जैन और सिख धर्म का जन्म हुआ जिनका पालन विश्व की 25 प्रतिशत जनसंख्या करती है। भारत विश्व भर में लोकतंत्र का प्रेरणा स्रोत और ध्वजारोही है। यहां लोकतांत्रिक विधि से होने वाले शांतिपूर्ण सत्ता परिवर्तन पर समस्त विश्व की नजरें रहती थीं। हालांकि शासन प्रणालियों में लोकतंत्र को ही न्यूनतम दोषपूर्ण पद्धति माना जाता है और इसे मजबूत करने में चुनावों का विशेष महत्व है परन्तु…

Read More

हिंदुत्व और विकास का पैकेज

यह इत्तफाक नहीं है कि जिस दिन इलाहाबाद कुंभ में संगम किनारे भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह संघ परिवार के बीच अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का संकल्प जता रहे हों, ठीक उसी दिन दिल्ली में नरेंद्र मोदी अपने सुशासन और विकास के मॉडल की पैकेजिंग करें। ये दोनों घटनाएं भाजपा के अंतर्विरोधों के साथ उसकी भावी रणनीति की ओर इशारा कर रही हैं। बेशक हिंदुत्व के मुद्दे ने एक समय भाजपा को ताकत दी थी, मगर अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री तभी बन पाए थे, जब पार्टी ने राम मंदिर के…

Read More

इतनी हड़बड़ी में क्यों

यह सचमुच आश्चर्यजनक है कि यौन अपराधों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की प्रक्रिया में सरकार ने न सिर्फ न्यायमूर्ति वर्मा कमेटी की सिफारिशों की लगभग अनदेखी कर दी है, बल्कि संसद की उपेक्षा करते हुए वह एक अध्यादेश ले आई है, जिस पर राष्ट्रपति के दस्तखत भी हो चुके हैं। सरकार को यही करना था, तो उसने वर्मा कमेटी का गठन क्यों किया था? हालांकि यह अध्यादेश संसद की मंजूरी के बाद ही कानून की शक्ल ले पाएगा, लेकिन जब बजट सत्र सामने है, तब अध्यादेश की जल्दबाजी किसलिए?…

Read More

संविधान से बड़ी नहीं खाप पंचायत

महिलाओं के खिलाफ मनमाने फरमान जारी करने वाली खाप पंचायतों को सर्वोच्च अदालत द्वारा आड़े हाथ लेने से एक बार फिर उनकी भूमिका को लेकर सवाल उठे हैं। शायद ऐसा पहली बार हुआ है, जब सर्वोच्च अदालत ने न केवल सर्व खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों को बहस में आमंत्रित किया है, बल्कि उनका पक्ष भी जानना चाहा है। उत्तर भारत की खाप पंचायतें या दक्षिण भारत की कट्टा पंचायतें निश्चय ही हमारे सामाजिक ढांचे का महत्वपूर्ण अंग हैं, मगर हाल के दौर में उन्होंने सामाजिक समरसता मजबूत करने के बजाय…

Read More

अंधेरे में ‘ब्वॉयफ्रेंड’ बनकर बनाया यौन संबंध बलात्कार नहीं?

अमेरिका में कैलिफोर्निया के कानून निर्माताओं ने कानून के उस प्रावधान को खत्म करने का संकल्प लिया है जिस कारण बलात्कार के एक अभियुक्त की सजा पलट दी गई क्योंकि उसकी शिकार महिला शादीशुदा नहीं थी। राज्य में एक कानूनी प्रावधान है कि अगर कोई यौन संबंध बनाने के लिए ये दिखाकर सहमति ले लेता है कि वो दरअसल कोई और व्यक्ति है तो उसके खिलाफ बलात्कार का मुकदमा तभी कायम हो सकता है जब उसने पीड़िता के पति के रूप में ये कृत्य किया हो। हुआ ये कि जुलियो…

Read More

भुगतान असंतुलन का दुश्चक्र

वीरेन्द्र खागटा : वैश्विक मंदी के भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ते असर को अब साफ-साफ महसूस किया जा सकता है। आर्थिक विकास दर तो पहले से ही कम होती जा रही है, रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक चालू खाते का घाटा पहली बार पांच फीसदी के पार चला गया है! जीडीपी के ढाई से तीन प्रतिशत तक यह घाटा सहन करने लायक है, पर साल की दूसरी तिमाही में यह बढ़कर 5.4 फीसदी हो गया, जबकि पिछले साल की इसी तिमाही में यह 4.2 प्रतिशत था। जाहिर है, वस्तुओं…

Read More