शिक्षकों ने खोली ट्यूशन की दुकान!

नाहन (सिरमौर)। वार्षिक परीक्षाएं सिर पर हैं। दसवीं, जमा एक तथा जमा दो के लिए ट्यूशन का धंधा फिर जोरों पर है। अंग्रेजी माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर रहे कुछ नौनिहालों पर ट्यूशन का दबाव बढ़ गया है। अभिभावक भी बच्चों पर ट्यूशन का दबाव डाल रहे हैं। नाहन, पांवटा, ददाहू, शिलाई, राजगढ़, सराहां और माजरा सहित जिले के कई इलाकों में कुछ सरकारी शिक्षक ट्यूशन पढ़ाने में लगे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में स्थिति बदतर है। गणित, विज्ञान तथा अंग्रेजी विषयों के लिए छात्रों को सुगठित सामग्री नहीं मिल रही है। ऐसे में उन पर भी ट्यूशन का जुगाड़ करने का दबाव है।
शहर में ग्रामीण क्षेत्रों के जमा दो से विज्ञान स्नातक तक कक्षाओं में ही लगभग 45 फीसदी से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें अधिकतर छात्र गरीब परिवारों से संबंधित हैं। अच्छे अंक पाने तथा विषय से संबंधित शिक्षक की नजरों में अव्वल बने रहने को उन्हें भी ट्यूशन में मंहगी फीस देकर शिक्षा ग्रहण करनी पड़ रही है। शहर में रहने वाले एमएससी गणित तथा एमए अंग्रेजी बेरोजगार राकेश शर्मा, मोहन सिंह चौहान, विवेक शर्मा, रोशन ठाकुर, नीलिमा चौहान, अंजली भारद्वाज आदि का कहना है कि वे कई सालों से ट्यूशन पढ़ा रहे हैं, मगर पिछले कई अरसे से उनके पास आने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या कम हो गई है। उनका कहना है कि कुछ सरकारी शिक्षक ट्यूशन भी पढ़ा रहे हैं।

कोट
सरकारी शिक्षकों को ट्यूशन पढ़ाने की इजाजत नहीं है। सरकारी शिक्षक अपने स्कूलों में सौ फीसदी कार्य करें। शिक्षक छात्र-छात्राओं को ज्ञान बांटने का काम करें। फिलहाल, ऐसे मामलों की उनके पास कोई शिकायत नहीं है। अगर शिकायत आएगी तो अवश्य छानबीन कर कार्रवाई की जाएगी।
– दिनकर बुराथोकी, राज्य शिक्षा निदेशक

Related posts