उच्च शिक्षा निदेशालय ने परफार्मा किया तैयार, निजी स्कूलों को देनी होगी फीस की लिखित डिटेल, अवहेलना होने पर कड़ी कार्रवाई के आदेश

शिमला

सांकेतिक तस्वीर

प्रदेश के निजी स्कूलों को अब लिखित में फीस की पूरी जानकारी देनी होगी। मनमानी फीस वसूली की शिकायतें बढ़ने के बाद उच्च शिक्षा निदेशालय ने हर स्कूल से एक परफार्मा भरवाने का फैसला लिया है। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने निरीक्षण निदेशालय के उपनिदेशकों को जांच का जिम्मा सौंपा है। वीरवार को जारी आदेशों में कहा गया कि अब हर निजी स्कूल से लिखित में विद्यार्थियों से ली जा रही फीस की डिटेल ली जाएगी। कितने बच्चे स्कूल में कक्षावार पढ़ रहे हैं। इसकी जानकारी भी देनी होगी। सरकार के सख्त आदेशों के बावजूद निजी स्कूलों की मनमानी जारी है। मंत्रिमंडल ने बीते साल तय हुई ट्यूशन फीस ही कोरोना संकट के बीच में लेने के आदेश दिए हैं। बावजूद इसके कई निजी स्कूलों ने ट्यूशन फीस में अन्य तरह के फंड शामिल कर दिए हैं।

मार्च में तीन से चार महीनों की पूरी फीस जमा करवाने वाले अभिभावकों के आग्रह के बावजूद इस फीस को आगामी किस्त में एडजस्ट नहीं किया जा रहा है। निदेशालय के पास लगातार इस तरह की शिकायतें पहुंच रही हैं। छात्र अभिभावक मंच भी सरकारी आदेशों की अवहेलना होने पर उग्र हो गया है। इसी बीच शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूलों से फीस का ब्योरा एकत्र करने का फैसला लिया है। इसके लिए एक परफार्मा तैयार किया गया है। निरीक्षण निदेशालय के उपनिदेशक इन परफार्मा की जांच करेंगे। स्कूलों का औचक निरीक्षण कर ब्योरा भी जुटाएंगे। इस जांच में अगर स्कूल सरकारी आदेशों की अनदेखी करते हुए पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बीते दिनों शिमला शहर में स्थित करीब 18 निजी स्कूलों की जांच करने के बाद वहां फीस में बढ़ोतरी पाई गई है। अब इन स्कूलों को नोटिस जारी किए जाने हैं।

 

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