20 साल की उम्र में बन गए कातिल

ऊना। उद्योगपति की गोली मारकर हत्या के मामले में पकड़े गए तीन आरोपियों सुनील उर्फ चरणा, अरुण कुमार उर्फ मणि और राजीव कुमार कौशल की उम्र 20-20 साल है। प्रदीप गुप्ता 24 साल का है और वारदात का मास्टरमाइंड बताया जा रहा। आरोपी अनिल उर्फ सेठू 28 वर्ष का है। प्रदीप ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि जब विनोद कुमार जैन वीरवार को फैक्टरी पहुंचे तो फगवाड़ा से लौटकर करीब डेढ़ घंटे बाद वह भी फैक्टरी गया। विनोद कुमार जब कार्यालय के बाहर खड़ी अपनी गाड़ी के पास कुछ सामान लेने गए तो उस समय उनपर गोली दागी गई। प्रदीप लगातार सेठू के संपर्क में था और सेठू अन्य तीन आरोपियों से लगातार संपर्क कर रहा था। विनोद के फैक्टरी में होने की सूचना भी उसी ने सेठू को दी। वारदात को अंजाम देने के लिए एक डिस्कवर बाइक को इस्तेमाल में लाया गया। इस बाइक को भी पुलिस ने कब्जे में लिया है। इस बाइक पर बैठकर सुनील, अरुण और राजीव फैक्टरी पहुंचे। गाड़ी के पास खड़े विनोद को गोली मारने के बाद वे संतोषगढ़ की ओर भागे। देसी गन से गोली राजीव ने दागी थी और यह गन भी उसी ने खरीदी थी। एसपी रविंद्र शर्मा ने इस वारदात में अभी कुछ और गिरफ्तारियों के भी संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि वारदात के बाद प्रदीप ने ही फैक्टरी के कुछ मजदूरों की मदद से विनोद कुमार जैन को उन्हीं की गाड़ी में अस्पताल पहुंचाया था। जहां उसे मृत घोषित किया गया।

जंगल में की थी देसी गन की टेस्टिंग
राजीव ने देसी गन खरीदी थी। वारदात से एक दिन पहले अन्य आरोपियों को साथ ले जाकर राजीव ने वनगढ़ के समीप जंगल में भी तीन हवाई फायर किए थे। यह हवाई फायरिंग देसी गन की टेस्टिंग के लिए किए थे। पुलिस ने चले हुए तीनों कारतूस बरामद किए हैं। इसके अलावा दो जिंदा कारतूस भी मिले हैं। विनोद कुमार जैन के मृत शरीर से मिले कारतूस समेत छह कारतूस पुलिस के कब्जे में हैं।

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