स्वास्थ्य महकमे का एक और गड़बड़झाला आया सामने

स्वास्थ्य महकमे का एक और गड़बड़झाला आया सामने

शिमला
कोरोना काल और इससे पहले स्वास्थ्य महकमे में दवा और उपकरणों की खरीद में कथित गड़बड़झाले का एक और मामला उजागर हुआ है। सिविल अस्पताल पालमपुर के इस प्रकरण में विजिलेंस ब्यूरो को प्रथमदृष्टया भ्रष्टाचार का अंदेशा हुआ है। ब्यूरो ने इससे जुड़े दो अफसरों के खिलाफ सरकार से भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम के तहत मंजूरी मांगी है।

सूत्रों के अनुसार कुछ समय पहले विजिलेंस ब्यूरो के शिमला मुख्यालय में इस संबंध में एक शिकायत पहुंची। इस पर विजिलेंस ब्यूरो के एक वरिष्ठ अधिकारी ने अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य को एक चिट्ठी लिखी है कि सरकार उचित समझे तो इन आरोपों के चलते दो चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम की धारा 17-ए और हिमाचल प्रदेश विजिलेंस मैनुअल के अनुसार जांच की अनुमति दी जाए। हालांकि, सरकार ने इस पर अभी फैसला नहीं लिया है।
सैनिटाइजर खरीद, पीपीई किटों में गड़बड़ियों जैसे मामलों में सरकार कार्रवाई कर रही है कि इसी बीच एक नया कथित गड़बड़झाला सामने आया है। आरोप हैं कि रोगी कल्याण समिति के तहत करोड़ों रुपये की खरीद भी नियमों की पालना नहीं करते हुए की गई। इसके लिए स्वास्थ्य निदेशक की मंजूरी नहीं थी।
इसके अलावा कई अन्य अनियमितताओं के भी आरोप हैं। विजिलेंस ब्यूरो की चिट्ठी मिलते ही अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आरडी धीमान ने इस संबंध में निदेशक स्वास्थ्य सेवाएं से रिपोर्ट तलब की है। इसी रिपोर्ट के आधार को जांचने के बाद ही विजिलेंस ब्यूरो को भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम के तहत जांच की अनुमति दी जा सकती है।

 

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