सीआईडी ने गृह विभाग को इस संबंध में पत्र लिखा था, जिसके बाद गृह ने वित्त विभाग से अनुमति और राशि मांगी है। माना जा रहा है कि राशि मिलने के बाद सीआईडी उन अनुवादकों से संपर्क करेगी, जिनकी मदद सीबीआई व एनआईए जैैसी एजेंसियां लेती हैं। बता दें, सीआईडी ने गृह विभाग को एक डोजियर भेज दिया है, जिसमें राकेश के खिलाफ दर्ज एफआईआर की प्रतियों के अलावा दोनों चार्जशीट, कोर्ट द्वारा उद्घोषित अपराधी संबंधी दस्तावेज, गैर जमानती वारंट, फोटो, पासपोर्ट, पहचान के लिए अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल हैं।
इसके अलावा लोन संबंधी उन दस्तावेजों की भी प्रतियां भेजी गई हैं, जिनसे राकेश के अपराध और उसे हिमाचल लाकर कानूनी प्रक्रिया में शामिल कराना जरूरी है। अब इस डोजियर के अध्ययन के बाद गृह मंत्रालय विदेश मंत्रालय की मदद से इसे दुबई की अदालत में पेश करना होगा। चूंकि दुबई में अरेबिक भाषा का उपयोग होता है, इसलिए एक प्रति अरबी भाषा में भी तैयार कराई जानी है, जिसके लिए अनुवादक की मदद लेनी होगी। इसी अनुवादक को अनुवाद करने के लिए करीब चार लाख रुपये की राशि दी जानी है।