सियासी पिच पर ‘भविष्य’ की तलाश!

बिलासपुर। भाजपा के जिला अध्यक्ष चयन में दिग्गज नेताओं की जुगलबंदी काम आ गई। संगठनात्मक चुनाव के बहाने एक तरह से कई नेताओं ने अपने लिए नया सियासी ‘प्लेटफार्म’ तैयार करने की कोशिश की है। हालांकि संगठनात्मक चुनाव की पूरी प्रक्रिया के दौरान राज्यसभा सांसद जगत प्रकाश नड्डा सियासी पिच पर प्रत्यक्ष रूप से नहीं दिखे। इसको लेकर यहां चरचाओं का बाजार गर्म है।
आगामी लोकसभा चुनाव के साथ ही विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी संगठन के इन चुनावों को अहम माना जा रहा है। संगठन में एकता का संदेश देने के लिए सर्वसहमति बनाना जरूरी था। जिसमें भाजपाई कामयाब भी हुए हैं। जिसमें बिलासपुर के बडे़ नेताओं की जुगलबंदी काम आ गई। विधायक एवं पूर्व उपाध्यक्ष रिखी राम कौंडल, नयनादेवी के विधायक रणधीर शर्मा, सदर हलके से प्रत्याशी रहे सुरेश चंदेल और घुमारवीं के राजेंद्र गर्ग ने गजब का संतुलन बिठाते हुए सहमति बनाई। राजनीतिक जानकारों के अनुसार झंडूता हलके से संबंध रखने वाले राकेश गौतम को प्रधान पद दिया गया है तो प्रदेश डेलिगेट के पद पर अपनी मुहर लगाकर दिग्गज नेताओं ने राजनीतिक पिच पर अपने पांव मजबूत करने की कोशिश की है। हालांकि, नयनादेवी हलके से रणधीर शर्मा की जगह पूर्व अध्यक्ष बाबा रणजीत सिंह को प्रदेश डेलिगेट की जिम्मेवारी सौंपी गई है।
बताया जा रहा है कि विधायक रिखी राम कौंडल और रणधीर शर्मा में पहले ही गौतम के नाम पर सहमति बनी थी, वहीं सुरेश चंदेल और गर्ग ने भी इस पर बात में मुहर लगा दी। राज्यसभा सांसद बनने के बाद जेपी नड्डा केंद्र में व्यस्त हैं। उनके पास राष्ट्रीय महामंत्री का भी दायित्व है। ऐसे में जाहिर है कि जिला में वह अधिक समय नहीं दे पाए। लेकिन, राष्ट्रीय महामंत्री होने के नाते प्रदेश और देश में संगठन के प्रति उनकी भूमिका अहम है। बहरहाल, लोकसभा चुनाव के चलते जिलाध्यक्ष समेत तमाम दिग्गज नेताओं के सामने चुनौतियां है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होने के कारण जिला से लीड दिलाने के लिए सभी नेताओं की ऐसी ही जुगलबंदी काम आ सकती है। नव नियुक्त अध्यक्ष राकेश गौतम ने कहा कि संगठन की मजबूती के लिए वह सभी को साथ लेकर चलेंगे। अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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