बच्चो को कॉटन कैंडी न खाने दे हो सकते है कैंसर के शिकार, सैंपल में हुआ बड़ा खुलासा

बच्चो को कॉटन कैंडी न खाने दे हो सकते है कैंसर के शिकार, सैंपल में हुआ बड़ा खुलासा

खाद्य सुरक्षा विभाग ने कॉटन कैंडी के सैंपल की जांच रिपोर्ट में सेहत के लिए हानिकारक माने जाने वाले कलरिंग मैटीरियल पाए जाने की पुष्टि हुई है। इस कॉटन कैंडी को खाने से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के होने का खतरा हो सकता है। खाद्य सुरक्षा विभाग बिलासपुर की टीम ने 20 फरवरी को घुमारवीं बाजार में कॉटन कैंडी का एक सैंपल भरा था, जिसे जांच के लिए कंडाघाट लैब भेजा गया था । वहीं कैंडी विक्रेता को विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार सैंपल की रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में पाया गया है कि कॉटन कैंडी के इस सैंपल में खतरनाक रसायन पाया गया है।

अकसर शहर की गलियों में बेचे जाने वाली इस कॉटन कैंडी को लोग बुढ़िया के बाल के नाम से भी जानते हैं। इसे हर कोई बड़े चाव से खाता है। विशेष तौर पर बच्चों की यह पहली पसंद है। पिछले दिनों तमिलनाडु, पुडुचेरी में ऐसी ही कॉटन कैंडी की बिक्री पर प्रतिबंध लगने के बाद हिमाचल में भी खाद्य सुरक्षा विभाग सक्रिय हो गया था। विभाग के अनुसार दो राज्यों में इस कॉटन कैंडी में खतरनाक केमिकल पाया गया था। इसी के चलते खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की मौजूदगी में घुमारवीं शहर में निरीक्षण किया गया था, जिसमें टीम को कैंडी बेचता हुआ एक प्रवासी व्यक्ति मिला। टीम ने कॉटन कैंडी के सैंपल लिए और कंडाघाट लैब भेजे थे।

पांच लाख रुपये जुर्माना और सजा का प्रावधान

सैंपल में सेहत के लिए बेहद खतरनाक माना जाने वाला केमिकल पाने जाने पर अब विभाग ने कॉटन कैंडी बेचने वाले व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। उसे 30 दिन में जवाब देना होगा। इसके बाद उक्त व्यक्ति के खिलाफ न्यायालय में मुकदमा दर्ज किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि ऐसे मामलों में पांच लाख रुपये तक का जुर्माना, 6 महीने की कैद का प्रावधान है।

घुमारवीं बाजार से लिए गए सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद इसमें पाया गया है कि यह कॉटन कैंडी एक खतरनाक केमिकल से बनाई गई है, जो सेहत के लिए बेहद खतरनाक है।-महेश शर्मा, सहायक आयुक्त, खाद्य सुरक्षा विभाग बिलासपुर

नेरचौक से भरा कॉटन कैंडी का सैंपल भी फेल
नेरचौक से भरा कॉटन कैंडी का सैंपल भी जांच में खरा नहीं उतरा है। इसका खुलासा कंडाघाट लैब से आई रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट में इस कॉटन कैंडी में बेसिक कलर रोडामाइन बी पाया गया है, जो सीधे तौर पर स्वास्थ्य के लिए घातक होता है। औपचारिकताएं पूरी कर अब अदालत में अभियोग चलाया जाएगा। खाद्य सुरक्षा विभाग ने बिना लाइसेंस कॉटन कैंडी बनाने के लिए भी नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने बीते दिनों मंडी के नेरचौक बाजार में कॉटन कैंडी का एक सैंपल भरा था।

लैब रिपोर्ट में अब सैंपल मानकों के अनुरूप नहीं पाया गया है। तमिलनाडु में प्रतिबंधित की गई कॉटन कैंडी में कैंसर पैदा करने वाला केमिकल रोडोमाइन-बी पाया गया है। रोडामाइन-बी एक सिंथेटिक डाई है। इसका उपयोग आमतौर पर विभिन्न उद्योगों में गुलाबी से लाल रंग के लिए किया जाता है, जो कॉटन कैंडी में मौजूद होता है। इसे खाद्य सामग्री में मिलाना प्रतिबंधित है। उधर, खाद्य सुरक्षा विभाग के सहायक आयुक्त एलडी ठाकुर ने कहा कि नियमानुसार कार्रवाई अमल पर लाई जाएगी। प्रतिबंधित रंग का कोई भी इस्तेमाल न करें, यह स्वास्थ्य के लिए बेहद घातक होते हैं।

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