सिम कार्ड फर्जीवाड़े पर लगेगी रोक

ऊना। सिम कार्डों के फर्जीवाड़े पर रोक की कवायद तेज कर दी गई है। इसके लिए ट्राई ने मुनाफाखोरी के चक्कर में अधिक सिम बेचने वाली कंपनियों के कामकाज पर निगाह रखने के लिए कड़े मानक तय कर दिए हैं। जिसमें मोबाइल नंबर को एक्टिवेट करने से पूर्व उसके साथ संलग्न दस्तावेजों पर रिटेलर को उनके सत्यापन की घोषणा करनी होगी। इसके अतिरिक्त अब मोबाइल नंबरों के मिनटों में एक्टिवेट किए जाने की योजना भी बंद की जाएगी। सभी दस्तावेजों की दो बार जांच होने के बाद ही इन्हें 24 से 48 घंटों के बीच चालू किया जा सकेगा।
नए नियमों के अनुसार हर रिटेलर के लिए सेल्यूलर कंपनियों की ओर से कोड सहित स्टैंप जारी की जाएगी। एक कोड एक रिटेलर के नाम ही जारी होगा। हर एक्टिवेशन में उक्त रिटेलर को सिम एक्टिवेशन के लिए लगाए गए दस्तावेजों की सत्यता भी प्रमाणित करनी होगी। बिना उक्त मुहर लगाए किसी भी मोबाइल नंबर को एक्टिवेट नहीं किया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त किसी भी नंबर में फर्जीवाड़ा पाए जाने के बाद उपभोक्ताओं से पूर्व उक्त रिटेलर को ही दबोचा जाएगा। प्रदेश में मुनाफाखोरी के चक्कर में सेल्यूलर कंपनियों की ओर से गोलमाल कर हजाराें मोबाइल सिम कनेक्शनों को एक्टिवेट कर दिया जाता है। इसी के चलते एक-एक आइडेंटिटी प्रूफ पर सैकड़ों के हिसाब से मोबाइल कनेक्शन चालू कर दिए जाते हैं। इस संदर्भ में आइडिया सेल्यूलर की मैनेजर अनुराधा सूद ने बताया कि फर्जी कनेक्शन को बंद करने में रिटेलर की जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाएगी, जिससे किसी भी प्रकार के बल्क कनेक्शन जारी करने की प्रथा को रोका जा सके। उन्होंने बताया कि इससे पूर्व बल्क या फर्जी कनेक्शन जारी करते समय रिटेलरों की कोई जवाबदेही नहीं होती थी, लेकिन अब उन्हें स्वयं इन कनेक्शनों की रोकथाम में भागीदारी करनी होगी।

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