श्रीखंड महादेव यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी, प्रशासन जुटा तैयारियों में

श्रीखंड महादेव यात्रा 1 जुलाई से शुरू होगी, प्रशासन जुटा तैयारियों में

समुद्रतल से 18570 फीट की ऊंचाई पर विराजमान श्रीखंड महादेव की यात्रा इस साल एक जुलाई से शुरू होगी। बरसात के चलते यात्रा को पहले शुरू करने की तैयारी चल रही है। ट्रस्ट के पदाधिकारियों ने यात्रा को शुरू करने के लिए दो विकल्प रखे हैं। पहला विकल्प एक जुलाई से 15 जुलाई और दूसरा विकल्प पांच से 20 जुलाई तक यात्रा करवाने का है। दोनों विकल्प 29 मई को कुल्लू में होने वाली श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट की बैठक में रखे जाएंगे। बैठक के एजेंडे में श्रीखंड यात्रा शुरू करने की तिथि सबसे पहले स्थान पर रखी गई है। इसके बाद यात्रा के अन्य एजेंडों पर चर्चा होगी। श्रीखंड ट्रस्ट के संस्थापक सदस्यों का कहना है कि श्रीखंड यात्रा अमूमन 15 से 16 जुलाई से शुरू होती है। पिछले साल यह 11 जुलाई से हुई थी।

इस दौरान हिमाचल में बरसात पूरे यौवन पर होती है और यात्रा भी प्रभावित होती है। सड़कें और पैदल रास्ते टूटने और जगह-जगह भूस्खलन होने से श्रद्धालुओं की सुरक्षा भी खतरे में पड़ जाती है। पिछले पांच वर्षों के दौरान हुई यात्रा पर बरसात का बहुत खलल रहा है। इस दौरान न केवल धार्मिक यात्रा में रुकावट आई, बल्कि देशभर के कई श्रद्धालुओं को जान गंवानी पड़ी है। कई श्रद्धालु बिना दर्शन ही लौटने पर मजबूर रहे। ऐसे में उपरोक्त सभी समस्या का आंकलन कर ट्रस्ट इस बार ऐतिहासिक श्रीखंड यात्रा को एक जुलाई से शुरू करने की तैयारी कर रही है। उपमंडलाधिकारी मनमोहन सिंह ने कहा कि बरसात को देखते हुए श्रीखंड महादेव यात्रा को जल्द शुरू करने का निर्णय 29 मई की बैठक में लिया जाएगा। इसमें यात्रा की तिथि और अन्य तैयारियों को लेकर चर्चा की जाएगी।

श्रीखंड यात्रा श्रद्धालुओं के लिए सुरक्षित हों और देशभर से अधिक से अधिक संख्या में श्रद्घालु दर्शन करने आएं। ऐसे में श्रीखंड यात्रा को एक या पांच जुलाई से शुरू करने का प्रस्ताव है। बैठक में भी यात्रा को इन्ही तिथियों में आरंभ करने का मसला उठाया जाएगा।- बीएस ठाकुर,संस्थापक सदस्य, श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट

अभी तक श्रीखंड की यात्रा अधिकारिक तौर पर जुलाई से दूसरे पखवाड़े से शुरू होती आई हैं, लेकिन श्रद्धालु चोरी-छिपे श्रीखंड की यात्रा पर निकल जाते हैं। ऐसे में ट्रस्ट के लोग इस यात्रा को एक जुलाई से शुरू करने के पक्ष में है। इससे लोगों में श्रद्धा को बढ़ाना और बरसात से उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।– गोविंद प्रसाद शर्मा संस्थापक सदस्य, श्रीखंड यात्रा ट्रस्ट

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