शिक्षा के साथ बच्चों की सुरक्षा जरूरी

ऊना। डीसी अभिषेक जैन ने निजी स्कूलों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि विद्यार्थियों को गुणात्मक शिक्षा देने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा की ओर पर्याप्त ध्यान दिया जाए। सभी मापदंडों की कड़ाई से अनुपालना हो। उपायुक्त सोमवार को बचत भवन में जिला के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के प्रबंधकों व प्राचार्यों से बैठक कर रहे थे।
डीसी ने कहा कि शिक्षा किसी भी सभ्य समाज का मूल मंत्र है। शिक्षा के विकास में जहां सरकारी क्षेत्र अपनी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान कर रहा है, वहीं निजी क्षेत्र में संचालित शैक्षणिक संस्थान भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। बच्चे की शिक्षा से भी महत्वपूर्ण बच्चों की सुरक्षा है। अभिभावक जब भी अपने बच्चे को किसी शिक्षा संस्थान में पढ़ने के लिए भेजते हैं, तो इसके पीछे उद्देश्य यही होता है कि बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो और वह पढ़-लिखकर अच्छा इंसान व जिम्मेवार नागरिक बने। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा में कोई कमी न हो और सुरक्षा की पूरी निगरानी रखी जाए। ऐसा नहीं है कि सभी शैक्षणिक संस्थान सुरक्षा संबंधी नियमों की अनुपालना नहीं कर रहे लेकिन कहीं से भी कोई कोताही की गुंजाइश न रहे, यह सुनिश्चित करना सभी का दायित्व है। कई बार लापरवाही या असावधानीवश कोई दुखद घटना हो जाती है तो इस तरह की घटनाओं से सबक लेना चाहिए और इन्हें रोकने के लिए चिंतन किया जाना चाहिए।

ओवरलोडिंग की तो नपेंगे : आरटीओ
आरटीओ रमेश ठाकुर ने शैक्षणिक संस्थानों में परिवहन व्यवस्था से संबंधित नियमों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मोटर वाहन अधिनियम के तहत शैक्षणिक संस्थान के वाहन चालक के पास कामर्शियल व्हीकल का वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना लाजमी है। इसके अलावा वाहन का परमिट लिया जाना भी जरूरी है और परमिट में जितनी सवारियां अधिकृत की गई हैं, उससे ज्यादा सवारियां बिठाकर ओवरलोडिंग किए जाने पर संस्थान के मालिक व ड्राइवर के खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है। शैक्षणिक संस्थान की ओमनी बस पंजीकृत होनी चाहिए और उसका पीला रंग होना चाहिए। वाहन में कंडक्टर की व्यवस्था होने के अलावा फर्स्ट-एड-बॉक्स होना भी जरूरी है। प्रेशर हार्न और म्यूजिक सिस्टम चलाने पर जुर्माने का प्रावधान है।

पहली बार हुई ऐसी बैठक
जिला ऊना में डीसी अभिषेक जैन की पहल पर सभी निजी शैक्षणिक संस्थानों के प्रबंधकों के साथ जिला प्रशासन की पहली बार ऐसी बैठक हुई। बैठक में गत दिनों धुसाड़ा के एक निजी स्कूल में पढ़ने वाले तीन वर्षीय बच्चे की दुर्घटना में हुई मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया गया और दो मिनट का मौन रखा गया।

ये रहे मौजूद
बैठक में एडीसी दर्शन कालिया, अंब, ऊना व बंगाणा के एसडीएम, डीएसपी सुरेंद्र शर्मा, उपनिदेशक सेकेंडरी आरसी टबयाल व उपनिदेशक एलीमेंटरी शिक्षा निर्मल रानी, डीएवी सेंटेनेरी पब्लिक स्कूल के प्राधानाचार्य अतुल महाजन व पीएआर मॉडल स्कूल डोहगी के एमडी राजेश शर्मा सहित जिला के सभी निजी स्कूलों, कालेजों व इंडस यूनिवर्सिटी के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

यह हैं प्रावधान
डीएसपी हेडक्वार्टर सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक स्कूल बस या स्कूल के अन्य वाहन को चलाने वाला चालक एक बार शराब पीकर वाहन दौड़ाता हुआ पाया गया तो उसे तुरंत हटाया जाता है। चालक दो बार रेड लाइट को क्रास करे तो भी उसे हटाया जाना जरूरी होता है। गाड़ी का स्पीडो मीटर सही होना चाहिए। स्कूल बस में अटेंडेंट पढ़ा लिखा होेना चाहिए। टैक्सियों को यदि स्कूली बच्चों को लाने और ले जाने में इस्तेमाल किया जाता है तो उस वाहन पर स्कूल ड्यूटी वाला बोर्ड अवश्य होना चाहिए।

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