विवादों में घिरा सिविल अस्पताल चिंतपूर्णी

भरवाईं (ऊना)। सिविल अस्पताल चिंतपूर्णी विवादों में घिर गया है। आरोप है कि अस्पताल में व्यक्ति को समय पर इलाज न मिलने से उसकी मौत हो गई। सल्फास निगलने के बाद अधेड़ के परिजन उसे यहां लेकर पहुंच थे। परिजनों का कहना है कि यदि समय पर चिकित्सा सुविधा मिल जाती तो शायद उनके बेटे की जान बच जाती। उधर, इस घटना से क्षेत्र में भी तनाव की स्थिति है। पंचायत के प्रतिनिधि संजीव शर्मा ने बताया कि यह मामला स्वास्थ्य मंत्री से उठाया जाएगा। उधर, सीएमओ का कहना है कि चिकित्सक को कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।
मंगलवार को देहरा उपमंडल के तहत गुरल गांव के 45 वर्षीय सुखविंद्र ने सल्फास की गोलियां निगल ली थी। सुखविंद्र को जब चिंतपूर्णी अस्पताल लाया गया तो रात के 8 बजे वहां कोई डाक्टर मौजूद नहीं था। मात्र 108 के कर्मचारियों एवं एक स्टाफ नर्स ने ही सुखविंद्र का प्राथमिक उपचार किया। सुखविंद्र के परिजनों के आग्रह के बाद 45 मिनट देरी से चिकित्सक अस्पताल पहुंचा, लेकिन तब तक युवक की हालत काफी बिगड़ चुकी थी। बताया जा रहा है कि 11 बजे के करीब सुखविंद्र ने दम तोड़ दिया। थाना देहरा के एएसआई रमेश कुमार ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आईपीसी की धारा 174 के अंतर्गत कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। इस संबंध में चिंतपूर्णी अस्पताल के प्रभारी डा. सुनील शर्मा ने बताया कि उन्हें जैसे ही अस्पताल से फोन पर सूचना मिली तो वह तुरंत अस्पताल पहुंचे। उधर, सीएमओ डा. जीआर कौशल ने बताया के डाक्टर के खिलाफ इससे पहले भी कई बार शिकायतें मिली हैं। उन्हाेंने बताया कि डाक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलबी की जाएगी।

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