हिमाचल प्रदेश सरकार के कई सरकारी विभागों ने वित्तीय वर्ष 2023-2024 के वार्षिक बजट के लिए बढ़ा-चढ़ाकर अनुमान भेजे हैं। इससे वित्त विभाग उलझन में है कि किस तरह बजट प्रबंधन करते हुए इन विभागों की मांगों को पूरा करे। सरकार के वित्त विभाग ने करीब एक महीना पहले सभी विभागों से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित मांगों का ब्योरा मांगा था। हालांकि, यह भी कहा था कि सभी विभाग वास्तविक आधार पर ही ये अनुमान भेजें। काल्पनिक आंकड़े प्रस्तुत न करें। बावजूद इसके विभिन्न विभागों ने बिना किसी आधार बहुत सारा बजट मांग लिया।
विभिन्न योजनाओं के तहत पिछले वर्षों से अधिक बजट मांगा गया है। प्रदेश की आर्थिक स्थिति पहले से ही ठीक नहीं है। सरकार पर करीब 75 हजार करोड़ का कर्ज है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व का पहला बजट सरकार के लिए बड़ी चुनौती है। वित्त विभाग के अधिकारी बजट अनुमानों को तैयार करने से पहले फूंक-फूंक पर कदम रख रहे हैं। इस स्थिति में विभागों की ओर से बढ़ा-चढ़ाकर भेजे गए बजट अनुमानों से विभाग परेशानी में है।
पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा देरी से हो सकता है बजट सत्र
प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपने कार्यकाल का पहला बजट कब पेश करेंगे, पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। माना जा रहा है कि इस बार बजट सत्र पिछले वर्षों की तुलना में थोड़ा देर से हो सकता है। इसकी वजह यह है कि वित्त विभाग की अभी बजट के लिए पूरी तैयारी नहीं है। वित्त विभाग पुरानी पेंशन योजना लागू करने, महिलाओं को 1500 रुपये देने समेत कांग्रेस की अन्य गारंटियों को पूरा करने की प्रक्रिया में जुटा है। बजट अनुमानों को भी तैयार किया जा रहा है।
दूसरी तिमाही में कई विभागों ने अनधिकृत तरीके से ज्यादा बजट खर्च किया
पिछले महीने ही वित्त विभाग ने सभी विभागों के प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को एक चिट्ठी भेजी थी। इसमें लिखा था कि वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही में कई विभागों ने अनधिकृत तरीके से ज्यादा बजट खर्च किया है। इस संबंध में वित्त विभाग से अनुमति नहीं ली गई थी। इसलिए यह निर्देश दिए गए हैं कि इस संबंध में अनुमति दी जाए।