पेपर लीक मामले में आयोग के बड़े अफसर की संलिप्तता, मुकदमा चलाने के लिए मांगी मंजूरी

पेपर लीक मामले में आयोग के बड़े अफसर की संलिप्तता, मुकदमा चलाने के लिए मांगी मंजूरी

जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी पेपर लीक मामले में विजिलेंस ने प्रदेश सरकार को अंतिम जांच रिपोर्ट सौंप दी है। जांच में हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के बड़े अफसर की संलिप्तता पाई गई है। इस अफसर पर कार्रवाई करने के लिए विजिलेंस ने प्रदेश सरकार से अभियोजन मंजूरी मांगी है ताकि मुकदमा चलाया जा सके।

इस मामले में अब तक आठ आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें से चार जमानत पर हैं। अभी मुख्य आरोपी आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसके दोनों बेटे और दलाल संजीव न्यायिक हिरासत में हैं। आयोग की 25 दिसंबर 2022 को होने वाली पोस्ट कोड 965 जेओए आईटी भर्ती की लिखित परीक्षा का पेपर दो दिन पहले लीक हो गया था।

जिस पर पेपर लीक करने का आरोप लगा, वह आयोग की गोपनीय शाखा में वरिष्ठ सहायक के पद पर लंबे समय से कार्यरत थी। एक अभ्यर्थी की शिकायत पर विजिलेंस ने वरिष्ठ सहायक उमा आजाद और उसके दोनों बेटों समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था।

आरोप है कि दलाल संजीव ने एक अभ्यर्थी से प्रश्नपत्र के बदले ढाई लाख रुपये मांगे। संजीव अभ्यर्थी को उमा आजाद से मिलवाने उसके घर ले गया था। एडीजी विजिलेंस सतवंत अटवाल ने कहा कि पेपर लीक मामले में प्रदेश सरकार को अंतिम जांच रिपोर्ट सौंप दी है। अधिकारी पर कार्रवाई करने के लिए सरकार से अभियोजन मंजूरी मांगी गई है।

319 पदों के लिए 1,03,344 अभ्यर्थियों ने देनी थी परीक्षा
आयोग ने मई 2022 में 198 पदों के लिए आवेदन मांगे थे। अक्तूबर में 121 पद और जोड़े गए। 319 पदों के लिए 476 परीक्षा केंद्रों में 25 दिसंबर 2022 को 1,03,344 अभ्यर्थियों ने परीक्षा देनी थी।

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