विभागीय शर्तों पर ठेकेदारों में आक्रोश

गगरेट (ऊना)। लोक निर्माण विभाग ठेकेदार यूनियन भरवाईं मंडल के प्रधान पंडित राम लुभाया ने मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से आग्रह किया है कि 29 दिसंबर 2012 को लोक निर्माण विभाग की ओर से जो अध्यादेश जारी किया गया है, वह सरकारी ठेकेदारों से अन्याय हैं, उसे रद्द किया जाए। यह अध्यादेश छोटे सरकारी ठेकेदारों पर सीधा कुठाराघात है तथा यह मुख्यमंत्री एवं प्रदेश कांग्रेस सरकार को बदनाम करने का एक षड्यंत्र है। उन्हाेंने कहा कि पहले डी क्लास के नवीकरण के लिए 50 रुपये फीस लगती थी, जिसे 750 रुपये कर दिया गया है। दस लाख के एक कार्य की शर्त भी लगा दी है तथा कठोर नियम बना दिए हैं, जिसे पूरा करना छोटे ठेकेदारों के बस की बात नहीं है। यही कठोर नियम एबीसी श्रेणी के ठेकेदारों पर भी लागू हो रहे हैं। यदि कोई बेरोजगार युवा सरकारी ठेकेदारी में अपना कैरियर शुरू करना चाहता है तो उस पर इतनी ज्यादा शर्तें थोपी गई हैं कि वह शर्तें ही पूरी नहीं कर पाएगा। उन्हाेंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि वह खुद हस्तक्षेप करके ठेकेदारों को न्याय प्रदान करें।

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