युवी को खाते देखकर दिल को सुकून मिला

युवराज सिंह की अपनी किताब ‘द टेस्ट ऑफ माइ लाइफ’ का विमोचन सचिन तेंदुलकर ने किया। युवी ने अपनी किताब में कैंसर के दौरान बिताए अपने पलों और अपनी जिंदगी के तमाम खुशियों और गमों के लम्हों को लिखा है।

इस अवसर पर सचिन ने कहा कि मानसिक तौर पर मजबूत है युवी। इसलिए उन्होंने बीमारी के बाद इतनी जल्दी वापसी भी कर सके।

इस मौके पर सचिन ने कहा, ‘जब मैं लंदन में उससे मिलने गया तो मैंने अपनी पत्नी (अंजली) से कहा कि मैं नहीं चाहता कि उससे मिलने पर मेरे आंसू निकलें। मैं उससे मिला और मैंने उसे कसकर गले लगाया। हमने खाने का मजा लिया। वह (युवराज) जिस तरह से खा रहा था मुझे विश्वास हो गया कि वह पटरी पर लौट गया है।’

‘सचिन हैं मेरे प्रेरणास्रोत’
इस दौरान युवी ने कहा, उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें इस तरह की मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों में सचिन और मेरी मां शबनम और टीम साथियों ने हमेशा उनका साथ दिया।

वर्ल्ड कप में मैन ऑफ द सीरीज रहे युवी ने कहा कि सचिन उनके प्रेरणा स्रोत हैं। मुश्किल पलों में हरभजन ने खूब हंसाया। जब यूवी कैंसर से पीड़ित थे तो उनके जिगरी दोस्त भज्जी से हमेशा उनका संपर्क बना रहा।

‘मैं अकसर युवी को फोन करता था’
इस अवसर पर हरभजन ने कहा कि वह अक्सर युवी को फोन करते थे लेकिन कभी उनकी बीमारी की बात नहीं करते थे। हरभजन उनसे अपने बिताए हमेशा अच्छे लम्हों की याद दिलाते थे।

हरभजन ने कहा कि उनका मानना था कि वह जितना हो सके युवी को हंसा सके, जिससे वह अपना दर्द भूल सके।

‘युवी टीम का तुरुप का इक्का है’
कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी ने कहा कि इस बीमारी के बारे में पता चला तो उन्हें बड़ा झटका लगा। उन्होंने कहा कि युवी हमेशा मेरे लिए तुरुप का इक्का रहे हैं क्योंकि उनके आलराउंड प्रदर्शन ने मेरी हमेशा समस्याओं को दूर किया है।

धोनी ने कहा कि उन्हें युवी के बीमारी के बारे में काफी पहले पता चल गया था। और बीमारी के बाद युवराज काफी परिपक्व हुए हैं।

‘धोनी हमेशा मेरे साथ रहे’
आखिरी में युवराज सिंह ने कहा कि धोनी हमेशा मैसेज से मेरे संपर्क में रहते थे। और यह किताब उन लोगों का मनोबल बढ़ाएगी, जो कैंसर से पीड़ित हैं।

उन्हें लगेगा युवी कैंसर से ठीक हो सकते हैं तो वह भी ठीक हो सकते हैं। युवी भविष्य में कैंसर पीड़ितों की मदद करना चाहते हैं।

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