मार्च भी बीता, नहीं मिलीं दालें और तेल

धर्मशाला। कांगड़ा जिले में इस बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाली वाला तेल और दालें नहीं पहुंचीं। मार्च माह के राशन की सप्लाई नहीं पहुंचने से उपभोक्ता परेशान हैं। वहीं सरकारी महकमे राशन की सप्लाई न आने के पीछे ग्लोबल टेंडरिंग का तर्क दे रहे हैं। उचित मूल्य की दुकानों पर सस्ता राशन न मिलने से गरीब लोगों को खुले बाजार से महंगे दामों पर राशन खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।
गौरतलब है कि जिले में करीब साढ़े चार लाख से अधिक राशन कार्ड धारक हैं। वहीं जिले में कुल 1013 सरकारी उचित मूल्य की दुकानें तथा 20 थोक गोदाम हैं, जहां से जिलाभर के उपभोक्ताओं को राशन की आपूर्ति होती है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशनकार्ड धारकों को उड़द, काले चने, चने की दाल, सरसों का तेल, गंदम, चावल और आटा तथा मिट्टी का तेल सब्सिडी पर दिया जाता है। लेकिन जिले के उपभोक्ताओं को मार्च महीने में सिर्फ आटा, चावल और चीनी ही मिल पाई। जबकि बाकी सप्लाई नहीं आई है। धर्मशाला के समीवर्ती गांव के उपभोक्ताओं सुरेश कुमार, धर्म चंद, विनोद, बलदेव सिंह, सुरजीत तथा कर्म चंद ने कहा कि उन्हें डिपुओं में मार्च महीने का राशन नहीं मिला है। इस कारण कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उधर, जिला खाद्य नियंत्रक बलवंत सिंह ने कहा कि उन्होंने हिप्र सिविल सप्लाई कारपोरेशन को शीघ्र राशन की सप्लाई देने के लिए कहा हुआ है।

अप्रैल में डबल कोटा
हिप्र सिविल सप्लाई कारपोरेशन के डिवीजनल मैनेजर आरके चड्ढा ने कहा कि इस बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उपलब्ध करवाई जाने वाली खाद्य वस्तुओं के ग्लोबल टेंडरिंग के कारण आपूर्ति में देरी हुई है। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह में दो माह के राशन का कोटा एक साथ वितरित किया जाएगा।

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