कृषको को सुदृढ़ करने के लिए कुलपति ने कही बड़ी बात । वैज्ञानिक दृष्टि से चिंता करना बताया लाज़मी। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डॉ. डीके वत्स ने कहा है कि कृषि मानवता के लिए बहुत बुनियादी आवश्यकता है जबकि अन्य सभी पेशे और व्यवसाय कृषि के बाद आते हैं। उन्होंने टिकाऊ खेती के लिए मृदा को बचाने की आवश्यकता को रेखांकित किया। कुलपति ने कहा कि सही फसल प्रणाली अपनाकर सूक्ष्म सिंचाई और माइक्रो शेड प्रबंधन को अच्छी तरह से संभाला जा सकता है।
एमजीएन विश्वविद्यालय, औरंगाबाद के एमेरिटस प्रो. एचएम देसारदा ने विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और छात्रों के साथ पारिस्थितिकी रूप से टिकाऊ और सामाजिक रूप से न्यायसंगत कृषि विकास को बढ़ावा देने के लिए सूक्ष्म वाटरशेड विकास की रणनीति और कृषि प्रणाली दृष्टिकोण को अपनाने विषय पर बात की। इस अवसर पर अनुसंधान निदेशक डॉ. एसके उपाध्याय ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
कार्यक्रम में डॉ. जीसी नेगी पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. रवींद्र कुमार, अधिष्ठाता स्नातकोत्तर डॉ. आरके कपिला, पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. राजेश उप्पल संकाय सदस्य और छात्र मौजूद रहे।