बीबीएन में बाल मजदूरी बेलगाम

नालागढ़ (सोलन)। जिन मासूमों के हाथ में स्कूल के बैग होने चाहिए थे, वही ढाबों, रेहड़ियों, दुकानों, होटलों में काम कर रहे हैं। कुछ नौनिहाल कूड़े कचरे में अपना भविष्य बीन रहे हैं। नौनिहालों की इस बेबसी पर प्रदेश सरकार भी गंभीर नहीं है। बाल मजदूरी करवाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज करती है। जबकि प्रदेश सरकार ने श्रमिकों, कामगारों के उत्थान के लिए कार्यक्रम चलाए हैं, वहीं दूसरी ओर शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत छह से 14 वर्ष के बच्चों को निशुल्क शिक्षा मुहैया करवाने का ऐलान मात्र कागजों में सीमित होकर रह गया है। वास्तविकता इससे कोसों दूर है। बीबीएन औद्योगिक क्षेत्र में जहां श्रम कानूनों की सरेआम धज्जी उड़ रही है, वहीं दूसरी ओर क्षेत्र में बाल मजदूरी जोरों पर है। वर्ष 2003 में प्रदेश मिले औद्योगिक पैकेज के बाद यहां प्रवासी कामगारों ने रोजगार की संभावनाएं तलाशते हुए दस्तक दी। चाइल्ड लाईन हेल्प की समन्वयक अनीता शर्मा ने कहा कि बाल मजदूरी करवाने वालों को कतई बख्शा नहीं जाएगा। उनके खिलाफ चाइल्ड लाईन का अभियान जारी रहेगा।

बोले अधिकारी
श्रम अधिकारी बददी पीसी ठाकुर ने कहा कि कुछ दिन पूर्व चाइल्ड हेल्पलाईन के साथ बाल मजदूरी करने वालों पर शिकंजा कसा गया है। विभाग स्वयं भी समय-समय पर ऐसी कार्रवाई करता है।
दूसरी ओर डीसी मदन चौहान ने कहा कि मामला गंभीर है। समय समय पर बाल मजदूरी करने वालों पर सख्ती से निपटने के आदेश दिए जाते हैं। अगर इसके बावजूद बाल मजदूरी हो रही है, तो अधिकारी जवाबदेह हैं। प्रशासन इस पर कड़ा रुख अख्तियार करेगा।

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