थाने से सौ मीटर दूर वारदात, पुलिस की मुस्तैदी पर सवाल

बद्दी (सोलन)। बद्दी पुलिस की चौकसी हाशिये पर है। चोर थाने से महज सौ मीटर की दूरी पर पूरा का पूरा एटीएम उखाड़ कर ले जाते हैं और पुलिस को छह घंटे बाद पता चला। जब तक पुलिस हरकत में आई चोर प्रदेश की सीमा भी पार कर चुके होंगे। चारों ने पहले तसल्ली से एटीएम को उखाड़ा। फिर वहां से भाग निकले। ऐसे में पुलिस की रात्रि गश्त सवालों के घेरे में है। दूसरी ओर बैंक प्रबंधन का सुरक्षा के प्रति लापरवाही का रवैया भी इन वारदातों को बढ़ावा दे रहा है। ऐसे में पुलिस और बैंक प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
हालात यह हैं कि चोरों को एटीएम चोरी करने का खुला न्योता दिया जा रहा है। हालांकि पुलिस की ओर से बैंकों अधिकारियों की बैठक में सुरक्षा कर्मी तैनात करने के निर्देश तो दिए गए लेकिन दस फीसदी बैंकों ने सुरक्षा कर्मी तैनात किए हैं। दूसरी तरफ एटीएम वाले क्षेत्रों में पुलिस की गश्त भी न के बराबर है। इसका फायदा शातिर उठा रहे हैं। चोरों ने सोमवार रात्रि को जिस स्थान से स्टेट बैंक ऑफ पटियाला का एटीएम चोरी हुआ है। पुलिस थाने के साथ-साथ वहां पर आवासीय कालोनी भी है। लेकिन न तो पुलिस को पता चला न ही यहां पर रहने वाले लोगों ने कोई शोर सुना। मुंबई स्थित निजी कंपनी को सुबह इसकी पता चला तथा उसी आधार पर छानबीन शुरू हुई।

आठ में से तीन में सुरक्षा कर्मी : बैंक
स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के मुख्य बैंक प्रबंधक वी के दास ने बताया कि बैंक के उच्च अधिकारियों के दिशा-निर्देश पर सुरक्षा कर्मी तैनात कर सकते हैं। अभी आठ एटीएम में से तीन में सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। एटीएम को स्थापित करने की जिम्मेदारी बैंक के तकनीकी अधिकारियों की है। उन्हीं के दिशा-निर्देश पर एटीएम लगाए जाते हैं।

बैंकों का लापरवाह रवैया : एसपी
एसपी अरूल कुमार ने बताया कि रात्रि के दौरान एटीएम की सुरक्षा के लिए उन्होंने सुरक्षा कर्मी तैनात करने के बार-बार बैंक अधिकारियों से निर्देश दिए हैं। लेकिन बावजूद उसके 80 फीसदी एटीएम रात को बिना सुरक्षा गार्ड के चल रहे हैं। उन्होंने एटीएम के इंस्टालेशन करने पर सवाल खड़ा किया। निजी कंपनियों ने एटीएम को मात्र कमरे में छोटे-छोटे कीलों से लगाया हुआ है, जिसे हल्का धक्का देने से तोड़ा जा सकता है। कहा, पुलिस की गश्त तेज है।

केस नंबर एक- जनवरी 2012 को झाड़माजरी स्थित एटीएम को चार युवक उखाड़ कर ले गए थे। इसमें 12 लाख रुपये थे। बरोटीवाला पुलिस ने यूपी के राज कुमार, नेत्रपाल, बंटी, अनुज को गिरफ्तार किया था। चारों न्यायिक हिरासत में सोलन जेल में हैं।

केस नंबर दो- मार्च 2012 में बद्दी-साई मार्ग पर एक्सेस बैंक का एटीएम टूटा। चोरों ने इस एटीएम को तोड़कर उसमें रखे गए सात लाख रुपये चोरी कर लिए थे। स्थानीय पुलिस ने चोरी के इस मामले में राज कुमार और नेत्रपाल दो आरोपियों को पकड़ा था।

केस नंबर तीन – अगस्त 2012 को बद्दी-साई मार्ग पर लाज धर्मकांटा के समीप एसबीएआई के एटीएम को उखाड़ कर सड़क पर रख दिया था। पुलिस के अनुसार चोरी के इस मामले में भी राज कु मार, अनुज के साथ इस नेत्रपाल भी शामिल था।

केस नंबर चार – जनवरी 2014 को धर्मपुर के समीप स्थित एक एटीएम को शातिरों ने उखाड़ कर गाड़ी में लोड कर उसे ले गए। इस दौरान मकान मालिक ने आवाज सुनकर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने चार आरोपियों को परवाणू बैरियर से पकड़ा।

परिचर्चा-
असुरक्षित महसूस कर रहे लोग
बद्दी मेें आए दिन हो रही चोरी और लूटपाट की घटनाओं ने लोग अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुलिस के लिए अलग जिला बनने के बाद भी आपराधिक घटनाएं कम नहीं हो रही हैं।

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