फैसला आज, किसके सिर सजेगा मेयर का ताज

फैसला आज, किसके सिर सजेगा मेयर का ताज

चंडीगढ़
मेयर का ताज किसके सिर सजेगा, यह शनिवार को पता चल जाएगा, लेकिन मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर पद के लिए होने वाला मतदान दिलचस्प होगा। कांग्रेस व अकाली दल के पार्षद ने मतदान प्रक्रिया में भाग लेने से इनकार कर दिया है। वहीं, आप के पास 14 पार्षद हैं, जबकि भाजपा के पास 13 पार्षद व एक सांसद का मत मिलाकर कुल 14 वोट हैं। बिना कोई अतिरिक्त मत मिलने पर मेयर का चुनाव पर्ची के माध्यम से होगा।

नगर निगम चुनाव का रोमांच खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अपने पार्षदों को टूटने से रोकने के लिए आप, भाजपा व कांग्रेस तीनों ने ही अपने पार्षदों की परेड कराई है। आप कभी अपने पार्षदों को दिल्ली लेकर गई तो सीसीटीवी कैमरों से निगरानी की गई। भाजपा ने अपने पार्षदों को कसौली और फिर शिमला भेज दिया, वहीं कांग्रेस अपने जीते हुए पार्षदों को लेकर राजस्थान चली गई। मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के लिए भाजपा व आप दौड़ में है, लेकिन दोनों के पास बराबर बहुमत है। ऐसे में पर्ची सिस्टम से ही चुनाव की संभावना है।

एक साल के लिए होगा मेयर, फिर प्रक्रिया दोहराई जाएगी
नगर निगम में मेयर का पद सिर्फ एक साल के लिए ही है। हर साल नए मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का चुनाव होता है। अगले साल तक समीकरण इधर-उधर, मतलब कोई पार्षद टूटकर दूसरी पार्टी में नहीं गया तो फिर अगले साल यही स्थिति पैदा होगी।

कांग्रेस और अकाली दर्शक दीर्घा की स्थिति में
निगम चुनाव में कांग्रेस ने 8 सीट व अकाली दल ने एक सीट पर कब्जा जमाया था। कांग्रेस पार्षद देवेंद्र सिंह बबला ने अपनी पत्नी सहित भाजपा की सदस्यता ले ली, उसके बाद कांग्रेस के 7 पार्षद रह गए। कांग्रेस व अकाली दल के पार्षद सदन में तो आएंगे, लेकिन मतदान नहीं करेंगे। 8 पार्षद सिर्फ दर्शक की भूमिका में रहेंगे।

मेयर के बाद शुरू होगा बहुमत का खेल
नगर निगम की सत्ता में आने के लिए किसी भी पार्टी को 19 मत चाहिए, लेकिन कोई भी पार्टी बहुमत तक नहीं पहुंची है, इसलिए मेयर चुनाव में जो पार्टी जीत जाएगी, वह बहुमत लाने के लिए भी जोर लगाएगी। ऐसे में कौन सी पार्टी किसका पार्षद तोड़कर अपने साथ लाएगी, यह भी काफी दिलचस्प होगा।

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