जन्मदिन विशेषः द वॉल, मि. डिपेंडेबल और श्रीमान भरोसेमंद

द वॉल, मिस्टर डिपेंडेबल और श्रीमान भरोसेमंद, राहुल द्रविड़ को ये खिताब क्रिकेट फैंस ने दिए हैं। क्रिकेट की दुनिया का यह महान खिलाड़ी डेढ़ दशक तक टीम इंडिया की बल्लेबाजी का आधार स्तंभ रहा।

टीम की हर जरूरत और हर चुनौती को फ्रंट फुट पर आकर स्वीकार किया। द्रविड़ ने टीम इंडिया के लिए ओपनिंग भी की और सातवें नंबर पर भी खेले, जब टीम को अतिरिक्त बल्लेबाज की जरूरत पड़ी तो विकेट के पीछे खड़े होने से भी नहीं हिचके।

विदेशों में हमेशा बैकफुट पर रही टीम इंडिया को इन्होंने ‌जीतने का जज्बा दिया। इनकी सधी हुई तकनीक और लंबी पारियों ने कई टेस्ट श्रृंखलाओं में भारत की जीत की इबारत लिखी।

इसके बाद भी द्रविड़ टीम इंडिया के ‘अनसंग हीरो’ बने रहे, उनके दीवानों ने उन्हें देवता की तरह पूजा लेकिन वे क्रिकेट के भगवान न बन सके।

वन डे क्रिकेट की दो सबसे बड़ी साझेदारियों में द्रविड़ की ही हिस्सेदारी रही। 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हैदराबाद में सचिन तेंदुलकर और द्रविड़ के ‌बीच 331 रनों की साझेदारी हुई। यह वनडे क्रिक‌ेट की सबसे बड़ी साझेदारी है।

जबकि उसी वर्ष विश्वकप में टांटन में श्रीलंका के खिलाफ सौरव गांगुली और राहुल द्रविड़ के बीच 318 रनों की वनडे क्रिकेट की दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी हुई।

2000-01 में लगातार 16 टेस्ट जीतकर दुनिया भर में कहर बरपा रही ऑस्ट्रेलिया के विजय रथ को रोकने में द्रविड़ की अहम भूमिका रही।

कोलकाता में उन्होंने लक्ष्मण के साथ मिलकर पांचवे विकेट के लिए 376 रन की साझेदारी की और न केवल भारत को फॉलोऑन से बचाया ब‌ल्कि ऑस्ट्रेलिया को हार तक पहुंचाया।

इंदौर में जन्म
राहुल द्रविड़ का जन्म 11 जनवरी, 1973 को इंदौर में हुआ था। इनका पूरा नाम राहुल शरद द्रविड़ है। जन्म के बाद ही उनका परिवार कर्नाटक चला गया।

द्रविड़ ने 12 साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने अंडर-15, अंडर-17 और अंडर-19 के लिए कर्नाटक का प्रतिनिधित्व किया। बचपन में ही पूर्व क्रिकेटर केकी तारापोर ने इन्हें क्रिकेट की बार‌ीकियां सीखाईं।

द्रविड़ का करियर
द्रविड़ ने फरवरी 1991 में रणजी ट्रॉफी में खेलकर क्रिकेट में पदार्पण किया। उन्होंने अपने पहले मैच में 82 रन की जबर्दस्त पारी खेली।

द्रविड़ को अंतरराष्ट्रीय एक दिवसीय मैच में खेलने का मौका श्रीलंका के खिलाफ अप्रैल 1996 में मिला जबकि टेस्ट में उन्होंने अपना पहला मैच जून 1996 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला।

उन्होंने टेस्ट की 164 पारियों में 52.31 की औसत से 13,288 रन बनाए जबकि वनडे में 344 मैच खेलकर 39.16 की औसत से 10,889 रन बनाए।

सुनील गावस्कर और मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के बाद वे भारत के ऐसे तीसरे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 10 हजार से अधिन रन बनाए हैं।

राहुल द्रविड़ ने बतौर कप्तान लगभगर चार सालों तक टीम इंडिया की कमान भी संभाली। मार्च, 2012 में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।

अहम रिकॉर्ड
राहुल द्रविड़ भारत के एक मात्र बल्लेबाज हैं, जिन्होंने लगातार चार टेस्ट शतक (115, 148, 217 और 100 नाबाद) लगाएं हैं।

अगस्त और अक्टूबर 2002 के बीच पहले तीन शतक उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ लगाए जबकि चौथा शतक वेस्टइं‌डीज के खिलाफ लगाया।

2000 से 2004 के बीच खेली गई टेस्ट और वनडे की 173 पारियों में द्रविड़ कभी भी शून्य पर आउट नहीं हुए। टेस्‍ट में उन्होंने सर्वाधिक 88 शतकीय साझेदारियां की है।

उनका बिना अनफिट हुए लगातर 93 टेस्ट खेलना भी एक रिकॉर्ड था, जिसे बाद में ऑस्ट्रेलियाई विकेट कीपर बल्लेबाज एडम गिलक्रिस्ट ने तोड़ा।

द्रविड़ ने टेस्‍ट में 31,258 गेंदों का सामना किया है। यह भी एक र‌िकॉर्ड है, दुनिया का कोई और बल्लेबाज टेस्ट मैचों में इतनी गेंदें नहीं खेला है। द्रविड़ ने 164 टेस्ट मैचों में 210 कैच भी पकड़े हैं।

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