गर्भ में बच्चे की मौत पर बवाल!

बिलासपुर। स्वास्थ्य विभाग में चल रही चिकित्सकों की कमी का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। ताजा घटनाक्रम में जिला अस्पताल में एक महिला का प्रसव होने से पहले ही गर्भ में बच्चे की मौत हो गई। महिला प्रसव की पीड़ा से तड़फती रही, लेकिन उसे अटैंड करने के लिए वहां कोई नहीं आया। आरोप है कि घंटों तक महिला प्रसव की पीड़ा से कराहती रही। अंतत: दूसरे दिन जब चिकित्सक आए तो उन्होंने महिला को शिमला रेफर करते हुए कहा कि शिशु की पेट में की मृत्यु हुई है। मां को बचाना है तो इसे शिमला ले जाना होगा। परिजनोें ने सीएमओ से चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
मामला 23 मार्च का है। बिलासपुर में रह रहे बिहार के अप्रवासी मोहम्मद इमरान की पत्नी का प्रसव होने वाला था। महिला को 18 मार्च केा ही अस्पताल में दाखिल किया गया था। 23 को चिकित्सक के नहीं आने के कारण शिशु की मौत हो गई। सीएमओ से मामले की शिकायत करते हुए मोहम्मद इमरान ने कहा है कि 18 से 22 तक उसकी बेगम की नियमित रूप से जांच होती रही। 22 मार्च को रात करीब दस बजे उसे प्रसव पीड़ा शुरू हुई। कथित तौर पर दस से 12 बजे तक महिला को किसी ने अटैंड नहीं किया। पति नर्स के पास गया तो उसने परवाह नहीं की, लेकिन, जब पीड़ा बढ़ती गई तो नर्स वहां पहुंची। 23 मार्च को सुबह जब चिकित्सक आए तो उन्होंने महिला की जांच के बाद कहा कि बच्चे की पेट में मृत्यु हो गई है। मां को बचाना है तो इसे तुरंत शिमला लेकर जाएं। आनन-फानन में उसने अन्यों की मदद से पत्नी को शिमला पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने मां को बचा लिया। इमरान का आरोप है कि बिलासपुर में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण उसके बच्चे की मृत्यु हुई है। उन्होंने शिकायत पत्र सौंपते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है।
सीएमओ डा. सीआर वर्मा ने शिकायत मिलने की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही सही पता चल सकेगा। छानबीन के आदेश दे दिए हैं।

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