खरशाल की बस्ती को भूस्खलन से खतरा

जुब्बल (शिमला)। झाल्टा पंचायत के तहत खरशाल गांव की बस्ती को भूस्खलन से खतरा पैदा हो गया है। ग्रामवासियों ने तहसीलदार जुब्बल को ज्ञापन सौंप कर राहत की मांग की है। लगातार हो रहे भूस्खलन से ग्रामीणों की नींद हराम हो गई है। बीते दिनो भारी हिमपात तथा बरसात के बाद खरशाल गांव की निचली बस्ती में के करीब आधा दर्जन घर भूस्खलन की चपेट में आ चुके हैं। लगातार हो रहा भूस्खलन गांव से करीब दो सौ मीटर तक पहुंच चुका है। खरशाल गांव निवासी मुरत सिंह, जयहिंद्र सिंंह, बिशन सिंह ने बताया कि भूस्खलन के कारण पूरी पहाड़ी ढह कर घर के सामने तक पहुंच चुकी है। एक सप्ताह पहले हुए हिमपात के बाद भूस्खलन उनके घर के समीप तक पहुंच गया है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन से लोगों के खेतों तथा सेब के बगीचों को पहले ही नुकसान हो चुका है। भूस्खलन को रोकने के लिए सरकार की ओर से समय पर व्यवस्था नहीं की गई तो कई परिवार बेघर हो जाएंगे।
ग्रामीणों ने कहा कि वे भूस्खलन से राहत तथा बचाव को ठोस कदम उठाने के लिए तहसीलदार जुब्बल को भी ज्ञापन सौंप चुके हैं। प्रशासन की ओर से किसी को मौके पर जायजा लेने के लिए नहीं भेजा गया है। यदि दोबारा बारिश हुई तो लोगों को घर खाली करने पर मजबूर होना पड़ेगा। उन्होंने मांग की है कि भूस्खलन को रोकने के लिए दीवार लगाने का काम शुरू किया जाए। उन्होंने विधायक तथा सरकार से भी राहत का आग्रह किया है।
दो घंटे बंद रहा अंटी कुड्ड़ू मार्ग
भूस्खलन के कारण बुधवार को अंटी कुड्ड़ू के बीच मुख्य मार्ग दो घंटे बंद रहा। कुड्डू से करीब एक किलोमीटर पहले नाले में भारी भूस्खलन के बाद लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोनिवि के एक्सईएन करतार चंद ने भूस्खलन की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि सूचना मिलने के बाद सड़क को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है। देर शाम को सड़क बहाल कर दी गई है।

Related posts