कोरोना काल में पढ़ाई में पिछड़े विद्यार्थियों पर खर्च किए 1.34 करोड़

कोरोना काल में पढ़ाई में पिछड़े विद्यार्थियों पर खर्च किए 1.34 करोड़

शिमला
समग्र शिक्षा अभियान के तहत कोरोना काल में 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई में पिछड़े हिमाचल प्रदेश के 28,660 विद्यार्थियों पर 1,34,12880 रुपये खर्च किए। इन दोनों कक्षाओं के एसए वन में कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की पहचान कर शिक्षा विभाग ने मोबाइल रिचार्ज के लिए उनके खातों में 468 रुपये सीधे उपलब्ध करवाए।

समग्र शिक्षा अभियान के तहत कोरोना काल में 11वीं और 12वीं कक्षा में पढ़ाई में पिछड़े हिमाचल प्रदेश के 28,660 विद्यार्थियों पर 1,34,12880 रुपये खर्च किए। इन दोनों कक्षाओं के एसए वन में कम अंक लाने वाले विद्यार्थियों की पहचान कर शिक्षा विभाग ने मोबाइल रिचार्ज के लिए उनके खातों में 468 रुपये सीधे उपलब्ध करवाए, ताकि वे अपने मोबाइल रिचार्ज कर पढ़ाई के हुए नुकसान की भरपाई के लिए ऑनलाइन कक्षाएं लगा सके और उपलब्ध सामग्री डाउनलोड कर परीक्षा की तैयारी कर सकें।

पढ़ाई में पिछड़े विद्यार्थियों को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग की यह मुहिम कितनी सफल रही है, यह इन दोनों कक्षाओं के परिणाम आने पर ही पता चलेगा। शिक्षा विभाग ने प्रदेश के चार डाइट सोलन, हमीरपुर, कांगड़ा, और मंडी में बने वर्चुअल लैब स्टूडियो में विशेषज्ञ शिक्षकों को बुलाकर अलग-अलग विषयों की फरवरी-मार्च में 16 से 18 दिनों तक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की। लेक्चरों के यू ट्यूब लिंक भी उपलब्ध करवाए गए। रैमिडियल(उपचारात्मक) क्लास के लिए पहली बार यह व्यवस्था विभाग ने की।

इससे पूर्व शिक्षा विभाग स्कूल स्तर पर रैमिडियल कक्षाओं के लिए बजट देता था। इससे शिक्षकों की व्यवस्था कर कक्षाएं संचालित की जाती थी। समग्र शिक्षा अभियान के स्टेट प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरेंद्र शर्मा ने बताया कि पूरे प्रदेश के सरकारी स्कूलों के एसए वन परीक्षाओं में खराब प्रदर्शन करने वाले ऐसे 28,660 विद्यार्थियों की पहचान की गई, इनमें ग्यारहवीं के 20,011 और बारहवीं के 8,649 छात्र शामिल थे। कोरोना काल में छात्रों को ऑनलाइन कक्षाएं लगाने में पेश आई इंटरनेट कनेक्टिविटी और रिचार्ज करने को पैसा न होने की वजह भी रही। इसको ध्यान में रखते हुए ही इन छात्रों के लिए चार डाइट स्टूडियो से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की गईं।

स्कूलों से परिणाम की मांगी जाएगी रिपोर्ट : प्रोजेक्ट डायरेक्टर
प्रोजेक्ट डायरेक्टर वीरेंद्र शर्मा ने कहा कि ग्यारहवीं के नतीजे घोषित हो चुके हैं, बोर्ड की बारहवीं के नतीजे आने पर इन सभी विद्यार्थियों के परिणाम में हुए सुधार की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उससे ही सुधार का आकलन किया जा सकेगा।

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