आईजीएमसी शिमला व टांडा मेडिकल कॉलेज में पहली बार स्थापित होगी ये मशीने, सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी

आईजीएमसी शिमला व टांडा मेडिकल कॉलेज में पहली बार स्थापित होगी ये मशीने, सरकार ने दी सैद्धांतिक मंजूरी

शिमला
सूबे के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा (कांगड़ा) में इन मशीनों को स्थापित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसकी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

हिमाचल प्रदेश में पहली बार दो पॉजिट्रान एमिशन टोमोग्राफी (पीईटी) स्कैन मशीनें लगेंगी। सूबे के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसी) शिमला और डॉ. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज टांडा (कांगड़ा) में इन मशीनों को स्थापित किया जाएगा। राज्य सरकार ने इसकी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। पेट स्कैन मशीनें लगने से कैंसर मरीजों को दिल्ली और चंडीगढ़ के चक्कर काटने से राहत मिलेगी। वक्त पर मरीजों में कैंसर का पता लगाकर इलाज शुरू किया जा सकेगा। एमआरआई की तरह ही इस मशीन में मरीज के शरीर को स्कैन किया जाता है। इसमें मरीजों के उस अंग का आसानी से पता लग जाता है, जो कैंसर से ग्रस्त हो। इसके अलावा हमीरपुर और नाहन मेडिकल कॉलेजों में कैथ लैब स्थापित होंगी।

इन लैबों के स्थापित किए जाने से हार्ट से संबंधित मरीजों का जल्द उपचार हो सकेगा। मेडिकल कॉलेज चंबा, हमीरपुर, नेरचौक और नाहन में एमआरआई मशीनें लगाने का प्रस्ताव है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि प्रदेश में अभी दो मेडिकल कॉलेजों आईजीएमसी और टांडा में ही एमआरआई की जा रही है। अब चंबा, हमीरपुर, नेरचौक और ऊना में भी लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग कंपनियों से टेंडर आमंत्रित करेगा। प्रधान सचिव स्वास्थ्य सुभाशीष पांडा ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए ये मशीनें स्थापित की जा रही हैं।

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