कई सवाल खड़े कर गई अभिषेक की मौत

देहरागोपीपुर (कांगड़ा)। एक मां ने अपने ही अंश को कैसे मार दिया? बारह वर्षीय बेटे अभिषेक को मारते वक्त क्या उस मां के हाथ नहीं कांपे होंगे? मां के दिल में एक बार भी यह ख्याल नहीं आया कि वह अपने जिगर के टुकड़े को कैसे मार सकती है? यह सवाल हरेक शख्स के जहन में घूम रहा है, जिसने भी इस वारदात के बारे में सुना और घटनास्थल पर देखा। वारदात के बाद से ही परिवार सदमे में है। सभी का रो-रो कर बुरा हाल है। जिस मां का आंचल कभी अभिषेक को दुनिया की हर बुरी चीज से बचाकर रखता था। वही आंचल उसके कफन पर ओढ़ने के काम आया।
सातवीं कक्षा के छात्र अभिषेक की मौत कई सवाल भी खड़े कर गई है। क्या आरोपी मां रेणु पहले ही इस हत्या की प्लानिंग करके आई थी। पुलिस ने मौके पर से वारदात में इस्तेमाल चाकू और चूहे मारने की दवाई का फटा हुआ पैकेट भी बरामद किया है। महिला ने सब्जी काटने वाला चाकू और चूहे मारने की दवाई कहां से खरीदी? क्या वह घर से लेकर आई थी याकहीं बाजार से खरीदा? यह भी पुलिस के लिए जांच का विषय रहेगा। सवाल खड़ा हो गया है कि बेटे को स्कूल से लाकर वह ढलियारा में बस से नीचे क्यों उतर गई? क्योंकि उनका घर ढलियारा डाडासीबा मार्ग पर बढल ठोर में स्थित है। जो ढलियारा से करीब 6 किमी दूर है। उसके बाद अभिषेक अपनी मां के साथ अज्ञात स्थान पर क्यों चला गया? क्या दोनों में से किसी ने चूहे मारने की दवाई खाई थी? क्या महिला ने पुत्र को धोखे से दवाई तो नहीं खिला दी थी। ताकि इस हत्या को अंजाम दिया जा सके।
अभिषेक को मार दिया है…
अभिषेक को मारने के बाद आरोपी महिला ने अपने भाई, बहन और देवरानी को मोबाइल पर फोन किया कि उसने अभिषेक को मार दिया है और खुद को भी मारने वाली है। माना जा रहा है कि पोस्टमार्टम से कुछ और बातें भी सामने आ सकती हैं। क्योंकि आरोपी महिला का पति बढल ठोर में केबल का काम करता है तथा महिला पहले मुंबई के एक अस्पताल में नर्स रह चुकी है। वहां पर वह अपने माता-पिता के साथ रहती थी। अगस्त माह में दोनों मां-बेटा मुंबई में छुट्टियां बिताकर आए थे। कुल मिलाकर इस जघन्य अपराध से हर कोई सन्न है।

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