एक ही स्टेशन पर डटे रहना मुश्किल

सोलन । स्कूलों के स्टाफ का ब्योरा यानि अस्टेबलिशमेंट रिपोर्ट भेजने में फेरबदल हुआ है। अब अध्यापकों की रिपोर्ट में तीन स्थानों की नियुक्तियों का कार्यकाल भी दर्शाया जाएगा। विभाग का दावा है कि इस प्रक्रिया के साथ रिक्त पदों को भरने और स्थानांतरण की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी। इससे पहले रिपोर्टों में अध्यापकों की तीन स्थानों की नियुक्तियों को दर्शाया जाता था, लेकिन तीनों स्टेशनों का कार्यकाल उसमें शुमार नहीं होता है।
विभाग की इस प्रक्रिया में तीन स्थानों में काटे गए कार्यकाल का पता ही नहीं चल पाता। कौन शिक्षक किस पोस्ट में कितने समय पर टिका रहा या है, इसकी जानकारी भी नहीं मिल पाती है। नतीजतन स्थानांतरण और रिक्त पद भरने की प्रक्रिया अधिक पारदर्शी नहीं होती थी। शिक्षा निदेशक ने उपनिदेशकों को इस संदर्भ में सख्त हिदायतें जारी की हैं। इसमें स्कूलों में तैनात अध्यापकों की तीन स्थानों की नियुक्तियां व उनके इस दौरान काटे गए कार्यकाल का पूरा विवरण अस्टाबलिशमेंट रिपोर्ट में प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। लिहाजा उनके तीन स्थानों के कार्यकाल का पूरा ज्ञान विभाग को पता चल सके। इसके अलावा किसी भी सेमीनार में लगी ड्यूटी के लिए अध्यापकों को हर हाल में जाने के भी शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किए हैं।

कुछ का एक ही स्थान पर सालों से कब्जा
सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग में पहुंच रखने वाले कई सालों से एक ही स्टेशन पर कुंडली जमाए बैठे हैं। कई सरकारें आई और गई, लेकिन शिक्षकों की कुर्सी कोई नहीं छेड़ पाया। हालांकि ऐसे शिक्षकों की संख्या15 से 20 फीसदी तक हो सकती है। अगर रिपोर्ट सही ढंग से हुई तो इन शिक्षकों पर भी गाज गिरना तय है।

जारी हुए हैं निर्देश : बग्गा
उपनिदेशक गुरदयाल सिंह बग्गा ने कहा कि शिक्षा निदेशक के साथ हुई बैठकों में उपशिक्षा निदेशकों को कड़े फरमान जारी किए गए थे कि वह सभी स्कूल मुखियाओं से अध्यापकों का सही डाटा भेजें। खासकर अध्यापकों के रिक्त पड़े पदों का विवरण प्रदेश सरकार को दें। समय रहते-रहते रिक्त पदों को भरा जा सके। इनमें टीजीटी, सीएंडवी और पीटीए अध्यापकों की सूचनाओं को इसमें प्रमुखता से शामिल किए गया है।

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