उद्यमियों को निराश कर गया रेल बजट

मैहतपुर (ऊना)। तकरीबन 17 साल के बाद पहली दफा कांग्रेस पार्टी के अपने किसी रेलमंत्री ने जो रेल बजट पेश किया है, उसे 2014 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। हालांकि, रेल बजट को किसी ने बिना शक्कर की चाय बताया है तो कुछ ने इसे नीरस बजट भी कहा। पहाड़ी राज्य हिमाचल के लोगों को मौजूदा रेल मंत्री पवन बंसल से खासी उम्मीदें थीं, जो पूरी होती नहीं दिखीं। रेल बजट में हिमाचल का सरहदी जिला ऊना इस दफा भी उतना ही रहा है। सूबे के रेल विस्तार मामले में हालांकि बड़ी घोषणा रेलमंत्री ने अंब से पालमपुर वाया नादौन बढ़ाने के प्रस्ताव की अवश्य की है। इसके अलावा शिमला-कालका और पठानकोट-जोगिंद्रनगर को हेरिटेज का दर्जा दिया जाने का प्रस्ताव भी किया है, लेकिन ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा और बिलासपुर आदि जिलों के लोगों को जो उम्मीदें थीं, वह कहीं न कहीं अधूरी ही रह गई हैं। उद्यमियों को कोई खास फायदा इस बजट में नहीं दिया गया है। जिले के औद्योगिक क्षेत्रों को रेल नेटवर्क से जोड़ने की उम्मीद लगाए बैठे उद्योग जगत को निराशा ही हाथ लगी है। ऊना से होशियारपुर वाया जेजों तक रेलगाड़ी चलाने की मांग तो पिछले लंबे अरसे से उठती रही है, मगर इस दिशा में रेलमंत्री ने कहीं कोई संकेत तक नहीं दिया है।

बजट बिना मीठे वाली चाय
व्यापार मंडल मैहतपुर के अध्यक्ष रामेश्वर दत्त द्विवेदी, मैहतपुर उद्योग संघ के पूर्व अध्यक्ष पंडित पीसी शर्मा, शिवसेना के प्रदेशाध्यक्ष शिवदत्त वशिष्ठ ने भी इस बजट को बिना मीठे वाली चाय करार दिया है। इन लोगों ने कहा कि रेल बजट पूरी तरह से 2014 के चुनाव को ध्यान में रखकर ही तैयार किया गया है।

जनशताब्दी में वाई फाई सुविधा न मिलने से मायूसी
रेल बजट में देश की कई एक्सप्रेस गाड़ियों में वाई फाई सुविधा दिए जाने को आईटी से जुड़े अनेक युवाओं ने सराहा है। साथ ही यह मांग भी उठाई कि हिमाचल की एकमात्र बड़ी रेलगाड़ी जनशताब्दी में भी वाई फाई सुविधा दी जानी चाहिए थी, जो न मिलने से उन्हें मायूसी जरूर हुई है। ऊना से अक्सर दिल्ली का सफर जनशताब्दी में करने वाले राजीव कौशिक, विनोद कुमार, प्रवीण कुमार, नीरज, संजीव ठाकुर ने कहा कि जनशताब्दी में वाई फाई सुविधा मिलनी चाहिए थी। इन युवाओं ने कहा कि रेलमंत्री ने युवाओं को इंटरनेट की सुविधा ट्रेनों में मुहैया करवाने का वादा करके अच्छा काम किया है।

Related posts