इस मां से पूछो, क्या होता है बेसहारा होने का दुख?

बुजुर्ग मां पर टूटा दुखों का पहाड़
किन्‍नौर सड़क हादसे में एक साथ मारे गए दो सगे भाई अपने पीछे बूढ़ी मां को रोता छोड़ गए। हालांकि एक भाई की शादी हो चुकी है, लेकिन उसका परिवार कुल्लू में रहता है।

इस कारण दोनों भाई अपनी बूढ़ी मां हीरा पति के साथ कल्पा में रहते थे। बस की कमाई से ही दोनों भाइयों की जीवन यापन चल रहा था, लेकिन उन्हें क्या पता था कि गुरुवार को सांगला में उनकी मौत उनका इंतजार कर रही है।

इधर, हादसे की सूचना मिलते ही कल्पा में शोक लहर दौड़ गई। वहीं बूढ़ी माता पर तो मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।

मां को नहीं हो रहा भरोसा

मां को नहीं हो रहा भरोसा
बूढ़ी आंखों से अश्रुधारा थमने का नाम नहीं ले रही थी। जिस उम्र में बच्चों से सहारे की उम्मीद पाल कर मां जी रही थी तभी बेटे चल बसे। जय चंद और महेंद्र सगे भाई थे।

हालांकि बताया जा रहा है कि बस में कंडक्टर रखा गया था, लेकिन उसके छुट्टी पर होने के कारण जय चंद बस के साथ आया था। लेकिन उसे क्या पता था कि दोनों भाईयों की रूतुरंग में मौत इंतजार कर रही है।

दोनों भाई के मौत के बाद अब बूढ़ी मां किस के सहारे अपना जीवन यापन करेगी। दोनों भाई तो दुनिया छोड़ कर चले गए। लेकिन मां को कभी भी इस बात की यकीन नहीं हुआ है। मां को अभी भी इंतजार है कि उनके बेटे लौट आएंगे।

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