
कठुआ। लंबित मांगों को लेकर संघर्षरत इंप्लाई ज्वाइंट कंसलटेटिव कमेटी ने सरकार के विरोध में सांकेतिक रूप से दो घंटे की हड़ताल रख जिला सचिवालय में जोरदार प्रदर्शन किया। ईजेसीसी के इस प्रदर्शन में कई अन्य मुलाजिम संगठनों ने भी भरपूर साथ देते हुए सरकार के रवैए को आड़े हाथों लिया। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार मुलाजिमों को उकसाना चाह रही है। इसका नतीजा सरकार को जल्द ही भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने चौदह और पंद्रह दिसंबर को कामछोड़ हड़ताल का ऐलान कर दिया। प्रदर्शनकारियों में शामिल जम्मू से आए ईजेसीसी के वरिष्ठ नेता गफूर डार ने कहा कि सरकार पूरी तरह से फेल हो चुकी है।
मुलाजिमों की जायज मांगों के लिए सरकार ने जिम्मेदारी भरा नजरिया नहीं अपनाया है। तीन दफा लिखित में समझौता करने के बावजूद अमल को लेकर सरकार उदासीनता से काम ले रही है। उन्होंने तमाम मुलाजिमों से आह्वान करते हुए कहा कि सरकार पर नैतिक दबाव बनाने में पुरजोर सहयोग दें। वहीं नेशनल ट्रेड यूनियन फोरम के अध्यक्ष उपदेश सिंह ने कहा कि मुलाजिमों की सेवा के लिए आयु सीमा को 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष करने में सरकार आनाकानी करती आ रही है। जबकि राजनेता और सीनियर ब्यूरोक्रेट कभी रिटायर नहीं होते। कोई उम्र की आखिरी सांस तक नेतागिरी करता है, तो कोई एक्सटेंशन पर एक्सटेंशन ले लेता है। उन्होंने ब्यूरोक्रे टाें को सरकार का पिट्ठू करार दिया। प्रदर्शनकारियों में शामिल ईजेसीसी के जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, महासचिव मोहम्मद सादिक, अमरनाथ ठाकुर, रविंदर सिंह, गणेश खजूरिया, कुलवंत सिंह ने मुलाजिमों की मांगों को दोहराते हुए कहा कि डेलीवेजर मुलाजिमों को नियमित करने की व्यवस्था करनी चाहिए। आयु सीमा बढ़ाने के अलावा उन्होंने वेतन विसंगतियों को दूर करने की मांग दोहराई। वक्ताओं ने कहा कि सरकार ने यदि इस बार भी वादाखिलाफी का प्रयास किया, तो इसका जवाब मुलाजिम अपने आंदोलन से देंगे। ऐसे में यदि किसी तरह का गतिरोध उभरता है तो उसके लिए सरकार खुद जिम्मेवार होगी।