मेडिसिनल प्लांट से प्राकृतिक उत्पाद की अपार संभावनाएं

मोहाली। प्राकृतिक उत्पादों की खोज को आधुनिक साइंस और तकनीक की सहायता से और भी व्यापक बनाया जा सकता है। जिससे मानवता का भला होगा। हमारे देश में मेडिसिनल प्लांट्स से प्राकृतिक उत्पाद बनाने की अपार संभावनाएं हैं, जोकि सिर्फ हमारे पास ही हैं। यह विचार सीडीआरआई लखनऊ के पूर्व डायरेक्टर डॉ. नित्यानंद ने व्यक्त किए। वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च में आयोजित तीसरी अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस में डेलिगेट्स को संबोधित कर रहे थे। तीन दिवसीय कांफ्रेंस का विषय ‘न्यू डेवलपमेंट इन ड्रग डिस्कवरी फ्रॉम नैचुरल प्रोडक्ट्स एंड ट्रेडीशनल मेडिसिन्स’ रखा गया है।
कांफ्रेंस का उद्घाटन डॉ. नित्यानंद और नामवर प्राकृतिक उत्पाद वैज्ञानिक पद्म विभूषण प्रो. सुखदेव ने किया। नाइपर के कार्यकारी डायरेक्टर प्रो. केके भूटानी ने कहा कि कांफ्रेंस सीरीज 2008 में शुरू की गई थी। जोकि डॉ. नित्यानंद और प्रो. सुखदेव की प्रेरणा से शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि डॉ. नित्यानंद के निर्देशन में सीडीआरआई ने दस प्राकृतिक उत्पाद ड्रग्स की खोज की थी। प्रो. सुखदेव ने प्राकृतिक उत्पाद ड्रग्स की खोज से जुड़े अपने अनुभव सांझे किए। साथ ही डेलिगेट्स को प्राकृतिक उत्पाद गुग्गल के गुग्गलिप प्रोडक्ट के रूप में इस्तेमाल की सफलता की कहानी सुनाई। कांफ्रेंस को देश-विदेश के 25 नामवर साइंटिस्ट डेलिगेट्स को संबोधित करेंगे। जिनमें स्वीडन के प्रो. लिंडर, ऑस्ट्रेलिया के प्रो. नरेश कुमार एवं यूएस के प्रो. रमेश गुप्ता शामिल हैं।
कांफ्रेंस के दौरान डिस्कवरी ऑफ न्यू बायोलॉजिकल पाथवेज, न्यू केमिकल इन्टाइटीज ऐज लेड स्केफॉल्ड्स, इन्फेक्शियस एंड पैरासाइटिक डिसीजेज, लाइफस्टाइल एंड मेटाबोलिक डिसॉर्डर्स, ऑनकोलॉजी, सिंथेसिस ऑफ बायो-एक्टिव नैचुरल प्रोडक्ट्स आदि विषयों पर चर्चा की जाएगी। आखिर में डॉ. संजय जाचक ने सभी का धन्यवाद किया।

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