
जम्मू। लिंग जांच और भ्रूण हत्या से जुड़े अधिनिययम (पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट) की कमियों को दूर करने के लिए सरकार ने इसमें जरूरी संशोधन का फैसला लिया है। अधिनियम में गैर पंजीकृत क्लिनिक चलाने वाले व्यक्ति को तीन साल की सजा और पचास हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान जोड़ा गया है।
स्वास्थ्य मंत्री शाम लाल शर्मा की अध्यक्षता में सोमवार को हुई पीसी एंड पीएनडीटी एक्ट स्टेट सुपरवाइजरी बोर्ड की बैठक में वर्ष 2006 के पीसी एंड पीएनडीटी नियमों में संशोधन कर इसमें नियम 11 (2) क्लाज को शामिल कर इसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तर्ज पर अधिनियम को मजबूत बनाने का प्रस्ताव पेश किया गया। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को पारित कर दिया।
मंत्री ने इस अवसर पर सिविल सोसायटी से अपील की कि वह गंभीर मुद्दे से निपटने में सरकार को सहयोग दे। उन्होंने कहा कि लिंग जांच और भ्रूण हत्या से जुड़े मामलों पर केवल सरकारी प्रयास से पूरी सफलता नही मिल सकती। जबतक की सभी वर्गों के लोग इस बुराई को खत्म करने के लिए सामने नही आ जाते।
स्वास्थ्य मंत्री शाम लाल ने इस गंभीर मुद्दे को लेकर धार्मिक संस्थानों के प्रमुखों जिसमें मस्जिद, मंदिर, गुरुद्वारों और चर्च को शामिल करने पर जोर दिया ताकि महिलाओं के विरुद्घ अत्याचारों को रोका जा सकें। इसके लिए जम्मू और कश्मीर संभाग के मंडलायुक्तों को धार्मिक नेताओं से संपर्क करने के दिशा निर्देश भी जारी किए गए।
इसकें अलावा एनआरएचएम, सूचना विभाग की सांग एंड ड्रामा डिवीजन, पीआईबी, सांस्कृतिक अकादमी और स्थानीय रंगमंच समूूहों को जागरूकता फैलाने के काम में शामिल किए जाने की अपील की गई। इसके लिए सरकार के पास पर्याप्त फंड होने का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर एनआरएचएम के मिशन डायरेक्टर डा. यशपाल शर्मा, मंडलायुक्त जम्मू प्रदीप गुप्ता, मंडलायुक्त कश्मीर डा. असगर हुसैन सैमून, स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा सचिव एम के द्विवेद्घी, स्वास्थ्य निदेशक जम्मू समेत कई अन्य अधिकारी मौजूद रहे।