न्याय दिलाने के बजाय अपनों ने शोषण की गर्त में डाला!

करनाल। विवाहिता के दुराचार मामले में शहर थाने की पुलिस की भूमिका भी पूरी तरह संदिग्ध है। इस मामले में पहले से ही पुलिस की मिलीभगत होने की बात सामने आई है। लेकिन अब जब पीड़िता ने मुंह खोला तो पता चला कि जिस सेक्स रैकेट में वह फंसी हुई थी, वहां शहर थाना पुलिस का अकसरआना-जाना रहता था।
इस मामले में पीड़िता की पैरवी कर रही सामाजिक कार्यकर्ता उषा ने पुलिस के इस आचरण की जांच की मांग भी उठाई है। दरअसल, सारी कहानी ही गजब है। जींद की रहने वाली पीड़िता का विवाह यहां करनाल में हुआ है। दो साल के वैवाहिक जीवन में ही पति-पत्नी में अनबन शुरू हो गई और पीड़िता के पिता ने उसे एक रिश्तेदार के पास छोड़ दिया, ताकि वह उनकी इसमें मदद करा दे। यहीं से पीड़िता इस चंगुल में फंसी। बकौल पीड़िता उसकी रिश्तेदार ने उसे आरोपी महिला के पास छोड़ा और यहां उसके साथ दुराचार किया गया।

करीब छह माह तक बनाया बंधक
पीड़िता का कहना है कि उसे छह माह तक बंधक की तरह रखा गया और बाहर तक नहीं निकलने दिया गया। इस अवधि में जींद का एक व्यक्ति खुद को वकील बताकर उसके साथ दुराचार करता रहा। जहां पीड़िता को रखा गया था, वहां इस तरह के लोगों का आना-जाना आम बात थी।

मां और बहन के खिलाफ बयान
इस मामले में एक और हैरत की बात है। पीड़िता को पुलिस का डर दिखाकर एक कागज पर दस्तखत करा लिए गएं हैं इस कागज पर लिखा गया है कि उसकी मां और बहन उसे एक लाख रुपये में बेचना चाहती हैं, जबकि ऐसा कुछ था ही नहीं और परिजनों को तो यह अंदाजा था कि वह रिश्तेदार के यहां सुरक्षित है। इस सारे मामले में भी शहर थाना पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। पीड़िता का कहना है कि शहर थाने के कर्मियों आरोपी महिला के घर अक्सर आना-जाना रहता था और उसे धमकाया जाता था कि पुलिस उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकती है। इसीलिए पीड़िता ने शहर थाना पुलिस की बजाय डीएसपी जोगिंदर राठी को बयान दिए, ताकि उसे न्याय मिल सके। पीड़िता की लड़ाई लड़ रही उषा का कहना है कि अगर पुलिस इसकी निष्पक्ष जांच करे, तो सारी कहानी सामने आ सकती है।

रोजाना बयान बदल रही महिला
इस मामले में डीएसपी जोगिंदर राठी का कहना है कि अभी इस मामले में जांच की जा रही है, लेकिन पीड़िता अपने ही बयान से बदल रही है। कभी कुछ तो कभी कुछ। इसमें क्या सच है, यह तो जांच के बाद पता चलेगा। पहले पीड़िता ने तहसीलदार को शिकायत दी थी कि उसकी मां जबरन उसे उसके पति के पास भेजना चाहती है। अभी यही साफ नहीं है कि इसमें सच्चाई क्या है और कितनी है। अगर कहीं पर पुलिस की भूमिका पर सवाल आता है, तो इसकी भी जांच होगी।

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