
लोकसभा में तृणमूल कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव गिर गया है। अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में केवल तृणमूल के 19 और बीजू जनता दल के 3 सांसद थे, जबकि इस प्रस्ताव को पारित होने के लिए कम से कम 50 सासंदों की आवश्यकता थी। इस बीच हंगामें और नारेबाजी के बीच लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। वहीं, विपक्षी दलों के हंगामे और नारेबाजी के बीच राज्यसभा कल तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
आज सत्र आरंभ से पहले ही तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा अध्यक्ष को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने संसद में अपने सहयोगियों से कहा है कि सरकार सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। इससे पहले कल लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार द्वारा बुलाई सर्वदलीय बैठक में एफडीआई के मुद्दे पर चर्चा पर कोई सहमति नहीं बन पाई। बैठक में एनडीए व लेफ्ट समेत पूरा विपक्ष रिटेल में एफडीआई पर वोटिंग के नियमों के तहत चर्चा कराने पर अड़ा रहा।
हालांकि बैठक में यूपीए सरकार के खिलाफ तृणमूल कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को कोई खास तवज्जो नहीं मिली। तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंद्योपाध्याय को छोड़कर किसी भी दल ने यह मामला नहीं उठाया। लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि संसद को सुचारु रूप से चलाने की शर्त यही है कि सरकार रिटेल में एफडीआई पर नियम-184 के तहत चर्चा कराने के लिए राजी हो जाए।
बैठक में भी भाजपा समेत एनडीए के साथ ही लेफ्ट ने भी सरकार से दो टूक कह दिया कि इस मसले पर मतदान के नियमों के तहत चर्चा करानी होगी। लेकिन सरकार विपक्ष की इस मांग को मानने के लिए सहमत होती नहीं दिख रही है। संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि अगले एक-दो दिन में सभी दलों से चर्चा के बाद इसका हल निकाल लिया जाएगा।