ट्रेनों के दरवाजे न खोलने पर हंगामा

यमुनानगर। यात्रियों से खचाखच जगाधरी रेलवे स्टेशन पर रविवार रात को उस समय हंगामा हो गया जब समागम में शामिल होने आए हजारों लोगों ने ट्रेनों के दरवाजे न खुलने पर ट्रेन पर डंडे और पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। प्लेटफार्म पर मौजूद जीआरपी कर्मचारी ने जब उन्हें रोकने का प्रयास किया तो वे उनसे भी उलझ पड़े। अधिक भीड़ होने के कारण हजारों यात्रियों को सोमवार अल सुबह तक स्टेशन पर ही गाड़ी की प्रतीक्षा करनी पड़ी।
हुडा के सेक्टर-15 स्थित तेजली मैदान में आयोजित शक्तिपुत्र महाराज का शक्ति चेतना जनजागरण शिविर का समापन रविवार देर शाम को हुआ जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से लाखों श्रद्धालु पहुंचे थे। समापन के बाद रविवार रात को श्रद्धालु रेलवे स्टेशन पहुंचे। अधिकांश लोग उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, राज्यस्थान, पंजाब, दिल्ली आदि राज्यों के थे जो जगाधरी रेलवे स्टेशन पर गाड़ी पकड़ने पहुंचे लेकिन गाड़ियों में पहले से ही भीड़ होने के कारण अनारक्षित तो दूर आरक्षित बोगियों के दरवाजे भी नहीं खुल पाए। शिविर में आए मोहित, सुभाष, रोहित, सौरभ, रामप्रकाश, परवेश, प्रभुदयाल, जानकी, माधुरी, दीप्ति आदि ने बताया कि भीड़ होने के कारण ट्रेनों के दरवाजे नहीं खुल रहे थे जिस कारण उत्तरप्रदेश की तरफ जाने वाली उनकी दो गाड़ियां छूट गईं। इस पर श्रद्धालुओं ने रेलवे प्लेटफार्म पर बवाल काटना शुरू कर दिया। रविवार रात को 12 बजे प्लेटफार्म पर ड्यूटी देने पहुंचे राजकीय रेलवे पुलिस के सहायक उपनिरीक्षक राजबीर सिंह ने यात्रियों को समझाते हुए गेट खुलवाने की बात कही। इसी दौरान साढ़े 12 बजे जननायक एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर दो पर पहुंची तो प्लेटफार्म पर तैनात उक्त जीआरपी कर्मी ने ट्रेन का दरवाजा खुलवाने का प्रयास किया, इसी दौरान एक यात्री ने ट्रेन पर डंडे मारते हुए खिड़की का शीश तोड़ दिया और शीशे के टुकड़े अंदर बैठे यात्रियों और बच्चों पर जा गिरे। यह देख जीआरपी कर्मी ने उस यात्री को रोका तो वह यात्री जीआरपी के कर्मचारी से ही उलझ गया। इसके बाद दूसरे श्रद्धालु भी ट्रेन के दरवाजे न खुलवाने के लिए उससे उलझ पड़े।

वर्जन
रेलवे पुलिस के कर्मचारी राजबीर ने बताया कि भीड़ होने के कारण यात्री ट्रेन में चढ़ नहीं पा रहे थे जिससे वह उत्तेजित हो गए और हंगामा करने लगे। उन्हें समझा-बुझाकर शांत कर दिया और ट्रेनों के गेट खुलवाकर उन्हें चढ़ाया गया।

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