11 फर्जी फर्मों ने किया टैक्स फर्जीवाड़ा

सोलन: आबकारी एवं कराधान विभाग के दक्षिण रेंज के उडऩ दस्ते ने 11 फर्जी फर्मों का पर्दाफाश किया है। इन फर्मों ने करोड़ों रुपए के टैक्स का फर्जीवाड़ा किया है। हैरानी की बात है कि ये फर्में दिए गए पते पर मौजूद ही नहीं हैं। इसके बावजूद प्रदेश के बहुत से व्यापारी (डीलर) इन फर्मों का शिकार बन गए हैं।

 

आबकारी एवं कराधान विभाग ने 2 फर्मों के खिलाफ पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया है। इन फर्मों ने प्रदेश स्थानीय खरीद को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई आईटीसी (इनपुट टैक्स क्रैडिट) की सुविधा का गलत तरीके से फायदा उठाकर करोड़ों रुपए का टैक्स चोरी कर लिया। सरकार द्वारा प्रदेश में ही पंजीकृत फर्मों या फिर व्यापारियों से खरीद करने पर आईटीसी की सुविधा दी जाती है, जिसमें खरीद पर दिए गए टैक्स की बिक्री के बाद दिए जाने वाले टैक्स में छूट मिलती है। यह छूट उसी सूरत में मिलेगी जब उस फर्म ने भी खरीद पर टैक्स दिया होगा जिससे स्थानीय व्यापारी ने माल खरीदा है।

 

सूत्रों के अनुसार उक्त फर्मों ने ऑनलाइन भरी अपनी रिटर्न में करोड़ों की फर्जी खरीद व बिक्री दिखाई हुई है जबकि वास्तविकता में इन फर्मों ने प्रदेश में माल की खरीद की ही नहीं है। यही नहीं इनमें से कई ऐसी फर्में भी हैं जिन्होंने रिटर्न में फर्जी नाम ही भर दिए हैं कि इन फर्मों से माल खरीदा है।

 

टिन नम्बर से बाहर से कर रहीं कारोबार 
प्रदेश में कारोबार करने के लिए टिन नम्बर लेना आवश्यक है। इन फर्मों ने टिन नम्बर लेकर आबकारी एवं कराधान विभाग में पंजीकरण किया हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि सभी फर्में प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यालय खोलकर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दे रही हैं। यह बात अलग है कि इन फर्मांे ने विभाग में पंजीकरण के वक्त जो पता दिया हुआ है वर्तमान में वहां पर ये फर्में मौजूद ही नहीं हंै।

 

प्रदेश में 65 हजार व्यापारी पंजीकृत
प्रदेश में 65,000 पंजीकृत व्यापारी हंै। किसी भी फर्म से कारोबार करने से पहले व्यापारी रिटर्न में दी गई खरीद व बिक्री को न देखें बल्कि चालान को देखें की उक्त फर्म ने टैक्स जमा किया है या नहीं।

 

उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त उडऩदस्ता दक्षिण रेंज परवाणु डा. सुनील ने बताया कि 11 फर्मों ने फर्जी दस्तावेज बनाकर गलत तरीके से आईटीसी की सुविधा का लाभ उठाया है। इससे टैक्स की चोरी ही नहीं हुई बल्कि स्थानीय व्यापारी आईटीसी की सुविधा के रूप में मिलने वाली रियायत से भी महरूम हो गए। विभाग ने 2 ऐसी फर्मों के खिलाफ पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया है। प्रदेश के व्यापारी इन फर्मों से कारोबार न करें।

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