हिमाचल प्रदेश के एनसीसी कैडेट अब भुंतर हवाई अड्डे में एयरक्राफ्ट उड़ा सकेंगे। 15 साल से बजट के अभाव से एयरक्राफ्ट के हैंगर (पार्किंग) के लिए ट्रैक का निर्माण नहीं हो पा रहा था। प्रदेश की सरकारों ने इस पर कोई भी पहल नहीं की और अब भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण ट्रैक का निर्माण कर रहा है। बुधवार को इसका निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
अथॉरिटी के निदेशक नीरज कुमार श्रीवास्तव ने भूमि अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में भूमि पूजन किया गया। निर्माण के लिए प्राधिकरण ने 57 लाख की राशि प्रदान की है। प्रदेश की सरकारों ने डेढ़ दशक पूर्व एनसीसी के दो सीटर एयरक्राफ्ट के लिए हैंगर का निर्माण तो कर दिया था, लेकिन एयरक्राफ्ट को हैंगर तक लाने के लिए ट्रैक का निर्माण करना भूल गई।
बजट नहीं मिलने से प्रदेश की सरकारें एक ट्रैक को नहीं बना पाई। इस दौरान मामले को कई बार एनसीसी ने प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन के सामने रखा। किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में एनसीसी प्रबंधन ने प्रदेश के करीब 1,100 एनसीसी कैडेटों के भविष्य को देखते हुए दिल्ली में भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण के समक्ष इस मसले को उठाया है, जिसे अथॉरिटी ने हरी झंडी देकर 57 लाख की राशि भी मंजूर कर दी है।
बता दें कि एनसीसी कुल्लू को मई 2018 को एनसीसी कैडेटों के प्रशिक्षण के लिए दो सीट के दो एयरक्राफ्ट मिले हैं, लेकिन हैंगर के लिए ट्रैक न होने से उन्हें भुंतर हवाई अड्डे में नहीं उतारा गया है। इस मौके पर एनसीसी कुल्लू के कमांडिंग ऑफिसर ग्रुप कैप्टन एसके शर्मा, रवि श्रीवास्तव और अनिल कुमार भी मौजूद रहे।