हिंसा फैलाने की साजिश: जम्मू-कश्मीर में हो सकते हैं आईईडी धमाके, सुरक्षा बलों पर हमले, जैश और लश्कर को सौंपी गई जिम्मेदारी

हिंसा फैलाने की साजिश: जम्मू-कश्मीर में हो सकते हैं आईईडी धमाके, सुरक्षा बलों पर हमले, जैश और लश्कर को सौंपी गई जिम्मेदारी

जम्मू
गणतंत्र दिवस पर सीमा पार से जम्मू-कश्मीर में व्यापक पैमाने पर हिंसा फैलाने की साजिश रची गई है। सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिले हैं कि आईएसआई के इशारे पर घाटी में आईईडी धमाका किया जा सकता है। इसके अलावा सुरक्षा बलों पर हमले और पुलिसकर्मियों एवं नागरिकों की हत्याएं कर माहौल बिगाड़ने की साजिश है। एलओसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से सटे सुरक्षा प्रतिष्ठानों पर ड्रोन हमले की भी आशंका है। इसके लिए जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-ताइबा को जिम्मा सौंपा गया है।

सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कई माध्यमों से इनपुट मिले हैं कि सीमा पार से हिंसा की साजिश रची गई है। इसके लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्म का उपयोग कर युवाओं को भड़काने की साजिशें की जा रही हैं। इसके तहत केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ युवाओं को उकसाना व आतंकी गतिविधियों में शामिल होकर हमले करना शामिल है। सूत्र बताते हैं कि सीमा पार से जैश और लश्कर को जिम्मेदारी सौंपकर ज्यादा से ज्यादा संख्या में हाइब्रिड आतंकियों को घटनाओं का टास्क सौंपने को कहा गया है ताकि बिना किसी शक के वे घटनाओं को अंजाम दे सकें।

सूत्रों ने बताया कि कुपवाड़ा का रहने वाला आतंकी डॉ. आशिफ डार जो इन दिनों पाकिस्तान में है, वह आतंकी संगठन लश्कर के लिए काम कर रहा है। वह घाटी के युवाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से बरगला रहा है। कई युवकों को उसने सुरक्षा बलों पर हमले के लिए तैयार किया है जो पिछले दिनों सुरक्षा बलों के हत्थे चढ़े। इतना ही नहीं, हिंसा के लिए घाटी में सक्रिय पाकिस्तानी आतंकियों को भी हमले की जिम्मेदारी सौंपी गई है जो स्थानीय आतंकियों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दे सकें। सूत्रों ने बताया कि आतंकियों की ओर से किसी विशेष जगह को निशाना बनाए जाने का इनपुट नहीं है, लेकिन गणतंत्र पर श्रीनगर में समारोह स्थल और आसपास के इलाकों, एलओसी से सटे प्रतिष्ठानों, पावर प्रोजेक्ट को निशाना बनाया जा सकता है।

बांदीपोरा व श्रीनगर में मिले आईईडी खतरे के संकेत
सुरक्षा एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि आतंकियों ने आईईडी हमले के लिए सामान इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। बांदीपोरा में 15 जनवरी को सेब के बगीचे में छिपाकर रखी गई 10 किलो आईईडी और श्रीनगर के नौहट्टा इलाके से 14 जनवरी को कुकर आईईडी बरामद की गई। इससे पहले श्रीनगर-कुपवाड़ा हाईवे पर भी आतंकियों की ओर से प्लांट की गई आईईडी को बरामद किया गया। गांदरबल में भी सेब के बगीचे से आतंकियों की ओर से छिपाए गए विस्फोटकों के जखीरे को गत शुक्रवार को बरामद किया गया। इसमें रॉकेट लॉंचर के हथगोले और आईईडी बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी थी।

इनपुट के बाद अलर्ट, सुरक्षा बढ़ाई
सीमा पार से माहौल बिगाड़ने की साजिश के इनपुट मिलने के बाद सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया गया है। जम्मू संभाग के सांबा, कठुआ व पुंछ में आईबी व एलओसी पर लगातार तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ की ओर से एंटी टनलिंग का काम भी किया जा रहा है। इसके अलावा घाटी में सभी सुरक्षा प्रतिष्ठानों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नाके भी बढ़ाए गए हैं। जम्मू-श्रीनगर हाईवे समेत श्रीनगर-बारामुला व श्रीनगर-कुपवाड़ा हाईवे पर रोड ओपनिंग पार्टी को सतर्क किया गया है। नाकों पर लगातार वाहनों की जांच की जा रही है। अवांछनीय तत्वों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है।

सीमा पार से लगातार जम्मू-कश्मीर में शांति में खलल डालने की कोशिशें की जाती हैं। इनपुट मिलते रहते हैं। उसी के अनुसार अतिरिक्त तैयारी की जाती है। सुरक्षाबल पूरी तरह सतर्क हैं। हर साजिश को नाकाम किया जाएगा। गणतंत्र दिवस पर माहौल खराब नहीं होने दिया जाएगा। – दिलबाग सिंह, डीजीपी

Related posts