हवाई यात्रा को नहीं मिल सके पंख

नेरचौक (मंडी)। जिले की बल्ह घाटी में हवाई यात्रा को पंख नहीं मिल सके हैं। लोगाें का एयरपोर्ट का सपना आज भी पूरा नहीं हो सका है। सियासी दल एयरपोर्ट के सब्जबाग तो दिखाते रहे, लेकिन हकीकत में हवाई पट्टी बनाने का मामला सिरे नहीं चढ़ा।
बल्ह घाटी में एयरपोर्ट के नाम पर लंबे समय से राजनीति होती रही है, लेकिन आज दिन तक लोगाें की भावनाओं से खिलवाड़ ही हुआ है। कभी बल्ह घाटी में धुंध तो कभी अन्य कारण एयरपोर्ट के रास्ते में रोड़ा बनते रहे। 2008-09 में उड्डयन मंत्रालय की एक टीम बल्ह में एयरपोर्ट के लिए जमीन की तलाश में पहुंची थी, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ। वर्ष 1980 से आज तक एयरपोर्ट के नाम पर कांग्रेस व भाजपा भी राजनीति करती रही। बल्ह में हवाई अड्डे को प्राइवेट सेक्टर के सहयोग से खोलने के भी सुझाव दिए गए हैं। व्यवसायी उमेश गौतम का कहना है कि कैट-बी एयरपोर्ट कोचीन की तर्ज पर बल्ह में एयरपोर्ट खोला जा सकता है। इसमें स्टेट, सेंटर सरकार तथा निजी क्षेत्र से सहभागिता ली जा सकती है।

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पूर्व मंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि भाजपा के कार्यकाल में सरकार के प्रयासों से उड्डयन मंत्रालय की टीम बल्ह घाटी में एयरपोर्ट की संभावनाएं तलाश कर गई थी, लेकिन केंद्र में यूपीए सरकार ने मामला ठंडे बस्ते डाल दिया। भाजपा की सरकार आने पर एयरपोर्ट के लिए काम होगा।

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बल्ह के विधायक एवं आबकारी मंत्री प्रकाश चौधरी का कहना है कि सांसद प्रतिभा सिंह द्वारा एयरपोर्ट के मसले को हाल में ही नागरिक उड्डयन मंत्री से उठाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी इस मामले को केंद्र सरकार उठा रही है।

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