हथियार: कश्मीरी आतंकियों तक पहुंचे प्रतिबंधित सैटेलाइट फोन व थर्मल इमेजरी उपकरण, सुरक्षाबलों के लिए चिंता

हथियार: कश्मीरी आतंकियों तक पहुंचे प्रतिबंधित सैटेलाइट फोन व थर्मल इमेजरी उपकरण, सुरक्षाबलों के लिए चिंता

श्रीनगर
अधिकारियों ने बताया कि फरवरी से की जा रही निगरानी के दौरान कश्मीर घाटी में 15 इरिडियम सैटेलाइट फोन सक्रिय होने की जानकारी सामने आई है। यह उपकरण सुरक्षाबलों की घेराबंदी से बच निकलने में दहशतगर्दों को करती है मदद। अफगानिस्तान में अमेरिकी व उसके नेतृत्व वाली सेनाओं के हो सकते हैं उपकरण।

अफगानिस्तान में अमेरिकी नेतृत्व वाली सहयोगी सेनाओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले इरिडियम सैटेलाइट फोन और वाई-फाई युक्त थर्मल इमेजरी डिवाइस कश्मीर घाटी में आतंकियों के पास पहुंच चुके हैं। अंधेरे में देखने में मददगार थर्मल इमेजरी डिवाइस आतंकियों को रात के समय सुरक्षाबलों की घेराबंदी से बचाव में मदद करती है।

घाटी में 15 इरिडियम सैटेलाइट फोन सक्रिय होने की जानकारी
अधिकारियों ने बताया कि फरवरी से की जा रही निगरानी के दौरान कश्मीर घाटी में 15 इरिडियम सैटेलाइट फोन सक्रिय होने की जानकारी सामने आई है। इसकी शुरुआत उत्तरी कश्मीर से हुई थी और अब दक्षिण कश्मीर के कुछ हिस्सों में भी मौजूदगी दिखाई दे रही है।

अमेरिकी नेतृत्व वाले सहयोगी बलों के खेप का हिस्सा
अधिकारियों ने कहा कि ये सैटेलाइट फोन अफगानिस्तान से बाहर जाते समय अमेरिकी नेतृत्व वाले सहयोगी बलों द्वारा फेंकी गई खेप का हिस्सा हो सकते हैं। इसके अलावा यह भी संभव है कि तालिबान या वहां लड़ रहे अन्य आतंकवादियों द्वारा इसे सुरक्षाबलों से छीना गया हो।

अधिकारियों ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं
अधिकारियों ने कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इन फोनों पर विशेष नजर रखी जा रही है और इनका इस्तेमाल करने वालों को जल्द ही हिरासत में लिया जाएगा या उन्हें निष्क्रिय कर दिया जाएगा।

घाटी में इन सैटेलाइट फोन की मौजूदगी के बारे जानकारी
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन (एनटीआरओ) और रक्षा खुफिया एजेंसियों (डीआईए) जैसे निकायों को कश्मीर घाटी में इन सैटेलाइट फोन की मौजूदगी के बारे में तय समय में खोजने और सौंपने का काम सौंपा गया है।

पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया
नौवहन महानिदेशालय (डीजीएस) ने वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के बाद, सबसे पहले इरिडियम और थुरया सैटेलाइट फोन के प्रयोग को प्रतिबंधित कर दिया था। वर्ष 2012 में भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के प्रावधानों के तहत उन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था।

यह उपकरण पाकिस्तानी सेना का हिस्सा नहीं
अधिकारियों ने कहा कि कुछ मुठभेड़ स्थलों से थर्मल इमेजिंग उपकरणों की मौजूदगी के भी सबूत मिले हैं। यह उपकरण पाकिस्तानी सेना का हिस्सा नहीं है और संभवत: अफगानिस्तान के रास्ते कश्मीर लाया गया हो। इसका उपयोग आतंकवादियों द्वारा घेराबंदी और तलाशी अभियान के दौरान विशेष रूप से रात के दौरान अपना रास्ता खोजने के लिए किया जाता है।

आतंकवादियों को इलाके से भागने का कोई रास्ता न मिले
यह उपकरण सुरक्षा कर्मियों के शरीर से उत्पन्न गर्मी से उनके ठिकाने के बाहर सामान्य क्षेत्र का अवलोकन करने की छवि को महसूस करता है। अधिकारियों ने कहा कि एहतियात के तौर पर सुरक्षा बल अब सभी सिग्नलों को अवरुद्ध करने के लिए अन्य उपकरणों के साथ जैमर ले जाते हैं ताकि आतंकवादियों को इलाके से भागने का कोई रास्ता न मिले।

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