स्कूल बंद कर स्टाफ गायब

डाडासीबा (कांगड़ा)। सर्व शिक्षा अभियान जैसी महत्वाकांक्षी योजनाआें पर केंद्र और प्रदेश सरकारें करोड़ों रुपए व्यय कर रही हैं, लेकिन कुछ सरकारी स्कूल ऐसे भी हैं, जिनमें स्वयं गुरुजी लापरवाह हैं। लापरवाही भी इस हद तक है कि आधी छुट्टी से पूर्व ही स्कूल में ताले जड़ दिए जा रहे हैं। प्राथमिक शिक्षा खंड डाडासीबा के तहत राजकीय प्राथमिक पाठशाला डाडासीबा में शनिवार को कुछ ऐसा ही मामला सामने आया, जब खंड शिक्षा अधिकारी स्कूल के औचक निरीक्षण पर पहुंचीं।
दोपहर साढ़े बारह बजे स्कूल में ताले लटके पाए गए। हालांकि इस प्रकरण की पूर्व सूचना लोगों ने उप शिक्षा निदेशक धर्मशाला को दी। इसके उपरांत उप शिक्षा निदेशक ने मामले की जांच के लिए खंड शिक्षा अधिकारी डाडासीबा को निर्देश दिए। मौके पर अधिकारी ने स्कूल में ताले लगे हुए पाए। जबकि स्कूल की एक शिक्षिका प्रांगण में बैठी थीं। कुछ समय बाद स्कूल के हेडमास्टर व एक अन्य अध्यापक भी मौके पर पहुंचे। लेकिन बताया जा रहा है कि स्कूल परिसर में मौजूद शिक्षिका व खंड शिक्षा अधिकारी से कथित तौर पर अभद्र भाषा का प्रयोग भी किया गया। मामले की पुष्टि करते हुए प्राथमिक शिक्षा खंड अधिकारी स्वर्णा देवी ने बताया कि उन्होंने मौके पर स्कूल में ताले लटके पाए तथा इस प्रकरण के बारे में उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को अवगत करवा दिया है। देखना दिलचस्प होगा कि किसके आदेश पर स्कूल बंद किया गया? वहीं शिक्षा विभाग ने भी अपने स्तर पर मामले की जांच शुरू कर दी है। उधर, स्कूल के मुख्याध्यापक ने किसी तरह की टिप्पणी से इंकार किया है।

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