स्कूलों में गतिविधियों पर रहेगी रोक, एसओपी के तहत लगाई जाएंगी कक्षाएं

स्कूलों में गतिविधियों पर रहेगी रोक, एसओपी के तहत लगाई जाएंगी कक्षाएं

शिमला
स्कूल के कमरे की क्षमता अनुसार पचास फीसदी विद्यार्थियों को ही एक कक्षा में बिठाया जाएगा। शेष विद्यार्थियों की क्लास दूसरे कमरे में लगाई जाएगी।

हिमाचल प्रदेश में 17 फरवरी से पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए रोजाना खुलने जा रहे स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए बनाए गए एसओपी के तहत कक्षाएं लगाई जाएंगी। प्रार्थना सभा, खेलकूद सहित एकत्र होने वाली अन्य गतिविधियों पर रोक रहेगी। लंच ब्रेक और आने-जाने का समय कक्षावार अलग-अलग होगा। कक्षाओं में एक बेंच में एक ही विद्यार्थी को बिठाया जाएगा।

स्कूल के कमरे की क्षमता अनुसार पचास फीसदी विद्यार्थियों को ही एक कक्षा में बिठाया जाएगा। शेष विद्यार्थियों की क्लास दूसरे कमरे में लगाई जाएगी। मंत्रिमंडल का फैसला होने के बाद शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को विद्यार्थियों की संख्या अनुसार माइक्रो प्लान बनाने के निर्देश जारी किए हैं। प्रदेश के ग्रीष्मकालीन स्कूलों में सात जनवरी 2022 तक सर्दियों की छुट्टियां दी थी। इसी बीच कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने पर सरकार ने 26 जनवरी तक स्कूलों को बंद कर दिया था।

इसके बाद 31 जनवरी तक स्कूलों को दोबारा बंद रखने का फैसला लिया गया। तीन फरवरी से ग्रीष्मकालीन स्कूलों में नौवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों की कक्षाएं शुरू की गई हैं। शीतकालीन स्कूलों में पहले ही 15 फरवरी तक अवकाश दिया गया है। 16 फरवरी को सरकारी अवकाश है। ऐसे में मंत्रिमंडल ने सोमवार को फैसला लिया कि 17 फरवरी से ग्रीष्मकालीन और शीतकालीन स्कूलों में पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए भी स्कूल खोले जाएंगे।

उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों को विद्यार्थियों की क्षमता और कमरों की संख्या के अनुसार माइक्रो प्लान बनाने को कहा है। शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूल परिसरों में प्रवेश दिया जाएगा। हैंड सेनेटाइजरों और साबुन की भी स्कूलों में पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।

Related posts