स्कूलों में अध्यापकों की लगेगी बायोमैट्रिक हाजिरी

धर्मशाला : सरकारी स्कूलों में पढ़ाई के दौरान अब अध्यापक फरलू नहीं मार सकेंगे। इसके लिए उच्च शिक्षा विभाग स्कूलों में बायोमैट्रिक प्रणाली से हाजिरी लगाने की व्यवस्था लागू करने पर विचार कर रहा है। यही नहीं, विभाग ने स्कूलों में अध्यापकों की कार्यप्रणाली पर हर समय नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे स्थापित करने की योजना बनाई है। इन दोनों अहम मुद्दों पर 18 दिसम्बर को होने वाली बैठक में विचार किया जाएगा।

बायोमैट्रिक से हाजिरी लगने पर अध्यापकों को सुबह स्कूल शुरू होते ही अपने अंगूठे से हाजिरी दर्ज करनी होगी तथा शाम को छुट्टी के समय यह प्रक्रिया दोबारा दोहरानी होगी। इस तकनीक का लाभ यह है कि अगर कोई अध्यापक समय पर स्कूल न पहुंचा तो उसकी हाजिरी दर्ज नहीं हो पाएगी। इस तकनीक से अध्यापकों पर पैनी नजर रखी जा सकेगी और अध्यापकों को समय का भी पाबंद होना पड़ेगा। वहीं, स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लगने से अध्यापकों की कार्यप्रणाली व अन्य गतिविधियों पर नजर रखी जा सकेगी। सीसीटीवी का पूरा कंट्रोल संबंधित स्कूल के प्रधानाचार्य व जिला उपनिदेशकों के पास हर समय रहेगा, साथ ही इनमें उस दिन की सभी गतिविधियों के अलावा पिछले दिनों की भी गतिविधियां दर्ज रहेंगी।

इसलिए पड़ी जरूरत
उच्च शिक्षा निदेशक शिमला ने 5 नवम्बर को प्रदेश के सभी सरकारी स्कूलों के अध्यापकों को दोहरी हाजिरी लगाने के निर्देश जारी किए थे। हालांकि ये आदेश पूर्णतया लागू नहीं हो पाए हैं और जिन स्कूलों ने इस व्यवस्था को अपनाया है उसमें भी काफी त्रुटियां सामने आ रही हैं। इस समस्या के समाधान के लिए अब उच्च शिक्षा विभाग बायोमैट्रिक तकनीक अपनाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।

विभाग 18 दिसम्बर को होने वाली बैठक में उक्त तकनीकों को लागू करने पर विचार करेगा। बायोमैट्रिक तकनीक से अध्यापकों की उपस्थिति कम्पयूटराइज्ड तरीके से दर्ज रहेगी। इस तकनीक से विभाग अध्यापकों पर पैनी नजर रख सकेगा।
विधि चंद, उच्च शिक्षा विभाग, धर्मशाला

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