सोलन शहर में आटो रिक्शा कारोबार का गोरखधंधा

सोलन। बेरोजगारों के नाम पर आटो परमिट लेकर उसे लीज या दिहाड़ी पर किसी अन्य को दे दिया जाता है। नियमों को ताक पर रखकर इस अवैध गोरखधंधे को अंजाम दिया जा रहा है। पकड़ने वाला कोई नहीं। नतीजतन अब शातिर बेखौफ होकर आटो के माध्यम से चोरी का सामान ठिकाने लगाने की फिराक में हैं। वो भी संदिग्ध नेपालियों के साथ मिल मिलाकर।
शुक्रवार देर रात सोलन के देहूंघाट में शहरवासियों की सक्रियता से आटो को यातायात का माध्यम बनाकर चोरी को अंजाम देने वाली गैंग के दो सदस्यों को पकड़ा है। वहीं दो भागने में कामयाब हो गए हैं। अमृत पाल पुत्र इकबाल सिंह और उसका भाई सिमृत पाल ने बहादुरी का काम किया है। दोनों मैकेनिक का काम करते हैं। पुलिस के मुताबिक इनके घर के पास एक आटो खड़ा था। संदिग्ध लगने पर जब उन्होंने पूछताछ करनी चाही तो आटो चालक आटो भगा ले गया। आटो में चालक समेत चार लड़के थे। शक होने पर जब देखा तो दुकान के पास रखा गाड़ी का इंजन गायब था। दोनों भाइयों ने रमेश कुमार के साथ मिलकर पिकअप वाहन में आटो का पीछा किया। कुछ दूरी पर आटो को दबोचा। आटो चालक सोनू और नेपाली निवासी साहिल को पकड़ लिया, लेकिन अन्य दो नेपाली भीम और चिश्मे मौके पर से फरार हो गए। सूचना पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। प्रथम दृष्टत: पुलिस का दावा है कि परमिट आटो चालक के नाम पर नहीं था। पुलिस अधीक्षक सोलन पीके ठाकुर ने कहा कि पुलिस मामला दर्ज कर छानबीन कर रही है।
बेरोजगारों को जारी किए परमिट : राम सिंह
आटो यूनियन के प्रधान राम सिंह ने माना कि बेरोजगारों को परमिट जारी किए गए हैं। आटो चलाते वक्त खास ध्यान रखें। किसी अन्य को आटो देने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।
परिवहन विभाग की जिम्मेवारी : एसएचओ
सोलन सदर थाना प्रभारी चमन लाल ने कहा कि यह अधिकार क्षेत्र परिवहन विभाग के दायरे में आता है। इस पर सख्ती की जरूरत है। पुलिस भी इस संदर्भ में छानबीन कर रही है। उसके बाद असलीयत सामने होगी।
यहां भी निकले नेपाली
तीन लोगों को मौत के घाट उतारकर वाहन चुराने वाले तीन आरोपी भी नेपाली ही थे। वहीं इस मामले में भी नेपाली निकले हैं।
मात्र 10 फीसदी अपना रहे नियम!
नाम न बताने की शर्त पर विभाग के एक सूत्र ने बताया कि सेल्फ ड्रीवन स्कीम के तहत बेरोजगारों को परमिट मुहैया करवाए गए हैं। अफसोस मात्र दस फीसदी ही नियमों के मुताबिक काम कर रहे हैं।
अभी तो संभाला है पद : आरटीओ
क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अरुण भारद्वाज ने कहा कि मामला उनके ध्यान में है। शिमला से ट्रांसफर होकर अभी ही ज्वाइन किया है। जल्द ही शिकंजा कसा जाएगा।

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