सेब बागवानी ने रखी जयराम सरकार की लाज

शिमला
In the nationwide recession apple kept Himachal's pride
वैश्विक मंदी से उपजे देशव्यापी आर्थिक संकट के इस दौर में भी सेब ने ही हिमाचल की लाज रखी है। इस वित्तीय वर्ष में सेब की उपज नहीं बढ़ी होती तो यह दर पांच फीसदी से भी नीचे गिर जाती। इस बार आर्थिक वृद्धि दर गिरी जरूर लेकिन सेब बागवानी ने इसे राष्ट्रीय आर्थिक वृद्धि दर अथवा विकास दर से नीचे नहीं लुढ़कने दिया। वर्तमान में देश की विकास दर जहां 5.0 है, वहीं हिमाचल की ऊपर से लुढ़कर भी 5.6 पर टिकी है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से सदन में पेश आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट ने इसका खुलासा किया।

वर्ष 2017-18 में हिमाचल की विकास दर 6.8 प्रतिशत थी। 2018-19 में यह 7.1 फीसदी हो गई। इस बार यह गिरकर 5.6 फीसदी पर अटकी है। हिमाचल सरकार के आर्थिक एवं साख्यिकी विभाग के सर्वेक्षण के अनुसार प्राथमिक क्षेत्र में आने वाली बागवानी उपज की बढ़ोतरी ने विकास दर को खासा उछाल दिया है। कृषि, बागवानी और पशुपालन प्राथमिक क्षेत्र में आते हैं। अबकी बार इस क्षेत्र की विकास दर 9.3 प्रतिशत है। चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में बागवानी उपज में पिछले साल से 42.82 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।कुल बागवानी उपज सात लाख मीट्रिक टन हुई तो इसमें 6.64 लाख मीट्रिक टन की पैदावार सेब बागवानी की रही। यह अलग बात है कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि-बागवानी और अन्य संबद्ध क्षेत्र की हिस्सेदारी 2019-20 में घटकर 12.73 प्रतिशत रह गई है जो कुछ दशक पहले 50 फीसदी से भी ज्यादा थी। ऐसे में आर्थिक सर्वेक्षण ने सरकार को इस क्षेत्र की ओर विशेष ध्यान देने के लिए झकझोरा है।

कृषि-बागवानी के इस प्राथमिक क्षेत्र ने द्वितीय क्षेत्र यानी उद्योग, आधारभूत ढांचा, पर्यटन आदि और तृतीयक सेवा क्षेत्र को कड़ी टक्कर दी है। द्वितीय क्षेत्र की विकास दर महज 3.9 प्रतिशत का योगदान दिया है, जबकि तृतीयक क्षेत्र यानी सामुदायिक एवं व्यक्तिगत सेवा क्षेत्र का 7.7 प्रतिशत योगदान दिया है। हालांकि, तृतीयक क्षेत्र का हर बार इसके आसपास ही भूमिका रहती है। पिछली बार सेब की उपज कम थी तो प्राथमिक क्षेत्र का भी विकास दर की वृद्धि ने नगण्य योगदान था।

हम कृषि-बागवानी से संबंधित प्राथमिक क्षेत्र का जीडीपी में योगदान बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं। सरकार हर साल किसानों-बागवानों के लिए हर साल नई योजनाएं ला रही है। जीडीपी और विकास दर में आने वाले समय में प्राथमिक क्षेत्र का योगदान बढ़ाने का विशेष प्रयास रहेगा। – मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश

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