सीएमओ, आरएम सहित 18 अफसरों को नोटिस

शिमला। जिला परिषद की बैठक से नदारद रहे कई विभागों के अफसरों को नोटिस जारी हो गए हैं। डेढ़ दर्जन अफसरों से बैठक में न आने का कारण पूछा गया है। पंद्रह दिन के भीतर जवाब देना होगा। प्रशासन का तर्क है कि जनहित के कार्यों में अफसरों ने रुचि लेना छोड़ दिया है और अपनी जगह बैठक में जूनियर अफसरों को भेज देते हैं। जब उनसे संबंधित विभाग के बारे में जानकारी मांगी जाती है तो तर्कसंगत जानकारी नहीं मिलती। नोटिस के जरिए सभी विभागों को सूचित किया गया है कि अगली बैठक में अगर संबंधित अफसर खुद नहीं आते हैं तो उनके प्रतिनिधियों को बैठक में आने की इजाजत नहीं होगी। एडीसी की ओर से अफसरों को नोटिस जारी किए गए हैं। सरकारी महकमे जिप बैठक को कितनी अहमियत देते हैं, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां विभागों से एक भी अधिशाषी अभियंता मौजूद नहीं था। सभी ने अपने प्रतिनिधि बैठक में भेज रखे थे। शिक्षा विभाग से एक भी डिप्टी डायरेक्टर बैठक में नजर नहीं आए। पथ परिवहन से आरटीओ और आरएम का आना जरूरी रहता है लेकिन दोनों नदारद पाए गए। स्वास्थ्य सेवाओं का जिम्मा संभालने वाले मुख्य चिकित्सा अधिकारी भी गैरहाजिर पाए गए। डीएफओ भी बैठक में नहीं पहुंच सके।

इसका जवाब तो साहब ही दे सकेंगे
बैठक में जिला परिषद सदस्य अपने इलाके में विकास कार्य से संबंधित सवाल पूछते हैं। इसका जवाब संबंधित महकमों को भेजा जाता है। जब बैठक में संबंधित महकमों से जवाब मांगा जाता है तो जूनियर फट से कह देता हैं, इसके बारे में तो साहब ही बता पाऐंगे.. मुझे पता नहीं। इस तरह महकमे को भेजे गए प्रस्ताव की ताजा रिपोर्ट क्या है इसकी जानकारी जनप्रतिनिधियों जिला परिषद सदस्यों को नहीं मिल पाती।

डेढ़ दर्जन अफसरों को नोटिस
एडीसी डा. नरेश कुमार लट्ठ ने कहा कि करीब डेढ़ दर्जन अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। आरटीओ, आरएम, शिक्षा महकमे से डिप्टी डायरेक्टर, डीएफओ, सीएमओ बैठक में नहीं थे। कोई भी अधिशासी अभियंता बैठक में नहीं आए थे। अगली बैठक में अगर संबंधित अधिकारी नहीं आते तो उनके प्रतिनिधियों को बैठक में नहीं आने दिया जाएगा।

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