सिद्दू मूसेवाला हत्या कांड : एएन-94 के इस्तेमाल ने उड़ाई खुफिया एजेंसियों की नींद, चीन-पाकिस्तान से भी जुड़ रहा कनेक्शन

सिद्दू मूसेवाला हत्या कांड : एएन-94 के इस्तेमाल ने उड़ाई खुफिया एजेंसियों की नींद, चीन-पाकिस्तान से भी जुड़ रहा कनेक्शन

चंडीगढ़
पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में रूसी हथियार एएन-94 असाल्ट राइफल के प्रयोग से केंद्रीय एजेंसियां सतर्क हो गईं हैं। एजेंसियों ने पंजाब में पाकिस्तान और चीन से तस्करी कर लाए जाने वाले प्रतिबंधित हथियारों के मामलों में तार जोड़ने शुरू कर दिए हैं। पंजाब में हो रही गैंगवारों में प्रतिबंधित हथियारों के प्रयोग किए जाने के मामलों को लेकर जल्द ही एजेंसी से जुड़े अधिकारी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेशों की जेलों में बंद गैंगस्टरों से पूछताछ कर सकते हैं। सिद्धू मूसेवाला की रविवार को दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड को लॉरेंस बिश्नोई गैंगस्टर से जोड़कर पुलिस देख रही है। हत्यारों ने मूसेवाला की जीप थार पर 37 राउंड फायरिंग की थी। इसका खुलासा पुलिस ने अपनी जांच में किया है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस हमले में प्रतिबंधित रूसी हथियार एएन-94 असाल्ट राइफल का प्रयोग किया गया। इस हथियार के प्रयोग से पंजाब सहित केंद्र की खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गईं हैं।
AN-94 असॉल्ट राइफल

पहले यह अनुमान लगाया जा रहा था कि इस वारदात में एके-47 राइफल का इस्तेमाल किया गया, लेकिन जांच में कुछ और ही सामने आया। जांच में सामने आया है कि मूसेवाला की हत्या में एएन-94 असाल्ट राइफल का इस्तेमाल हुआ। यह इतना घातक हथियार है कि रूसी सेना इसका इस्तेमाल करती है।

सिद्धू मूसेवाला पर जिस तरह से ताबड़तोड़ गोलियां चलाई गईं हैं उसके लिए किसी आटोमैटिक असाल्ट राइफल की ही जरूरत होती है। इस जरूरत को रूस की बनी एएन-94 असाल्ट राइफल ने पूरा किया और मूसेवाला को अपनी जगह से हिलने का मौका तक नहीं दिया।

यह हथियार कितना घातक है इसका अंदाजा मूसेवाला की थार गाड़ी की हालत को ही देखकर ही लगाया जा सकता है। रूस के अलावा कुछ ही देश हैं जिनके पास एएन-94 असाल्ट राइफल है। वारदात में इसका प्रयोग होने के बाद केंद्रीय एजेंसियां जल्द ही पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और मध्य प्रदेश की जेलों में लॉरेंस बिश्नोई सहित अन्य पंजाब से उपजे गैंगस्टरों से पूछताछ करेगी।
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क्यों खतरनाक है यह राइफल
एएन-94 असॉल्ट राइफल को एके-47 के विकल्प के तौर पर बनाया गया था। 1997 से लगातार इस राइफल का उपयोग रूसी सेना द्वारा किया जाता है। इसके अलावा यह हथियार कुछ ही देशों के पास है। यह हथियार इतना खतरनाक है कि बर्स्ट मोड में इससे 1800 गोलियां दागी जा सकती हैं। आटोमैटिक मोड में यह हर मिनट 600 राउंड गोलियां दागती है। गोलियों की गति 900 मीटर प्रति सेकेंड है।

पंजाब से होती है हथियारों की तस्करी
हाल ही में सेना द्वारा जारी एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि पाकिस्तान से सटी भारत की सीमा में सबसे ज्यादा हथियारों की सप्लाई पंजाब क्षेत्र से होती है, उसके बाद कश्मीर फिर जम्मू से। हथियारों और नशे की तस्करी के लिए पहले ड्रोन असेंबल किए जाते थे, अब चीन निर्मित ड्रोनों का इस्तेमाल होने लगा। सीमा से 10 किलो की भार क्षमता के साथ 23 किलो तक वजनदार ड्रोन पकड़े जा रहे हैं।

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