सांसद रामस्वरूप मौत मामला: जयराम बोले- परिजन चाहेंगे तो सीबीआई या राज्य एजेंसी से कराएंगे जांच

सांसद रामस्वरूप मौत मामला: जयराम बोले- परिजन चाहेंगे तो सीबीआई या राज्य एजेंसी से कराएंगे जांच

मंडी संसदीय सीट से सांसद रामस्वरूप शर्मा का गुरुवार को उनके पैतृक गांव जोगिंद्रनगर के जलपेहड़ के मछयाल में अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया से कहा कि मौत की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। परिजनों से बात की जाएगी, यदि वे चाहेंगे तो सीबीआई या फिर राज्य सरकार की एजेंसी से जांच करवाने पर विचार किया जाएगा।

उधर, नई दिल्ली जिले की नॉर्थ एवेन्यू थाना पुलिस ने मौत को खुदकुशी मानते हुए सीआरपीसी की धारा 174 के तहत (खुदकुशी) मामला दर्ज किया है। पुलिस सांसद के दोनों मोबाइल जब्त कर कॉल और व्हाट्सएप डिटेल खंगाल रही है। हालांकि, आत्महत्या के कारणों का दूसरे दिन भी सुराग नहीं लगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सांसद के दोनों मोबाइल की कॉल डिटेल मंगवाई जा रही है, ताकि पता लग सके कि उन्होंने किस-किससे बात की।

मामला सांसद के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाने का है, ऐसे में थाना पुलिस ने दिल्ली पुलिस आयुक्त एसएन श्रीवास्तव को पत्र लिखकर अनुमति मांगी है। सांसद के मोबाइल के कॉल लॉग को देखने से पता चल रहा है कि वह मोबाइल का बहुत कम इस्तेमाल करते थे। कई बार तो उन्होंने एक दिन में सिर्फ दो ही फोन किए हैं। उन्होंने आखिरी बार पत्नी चंपा शर्मा से बात की थी। कॉल डिटेल से पुलिस देखना चाहती है कि उनके मोबाइल से व्हाट्सएप व मैसेज आदि डिलीट तो नहीं किए गए। 

तीन डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
सांसद के विसरा को सुरक्षित रखवा दिया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही उनके विसरा को जांच के लिए भेजा जाएगा। आरएमएल अस्पताल में तीन डॉक्टरों के मेडिकल बोर्ड ने उनके शव का पोस्टमार्टम किया है। मेडिकल बोर्ड के डॉक्टरों ने भी पोस्टमार्टम के बाद अनौपचारिक रूप से खुदकुशी की ओर इशारा किया है। सांसद ने अपने जिस बेडरूम में फांसी लगाई है उसका दरवाजा अंदर से बंद था। दरवाजे पर ऑटोमेटिक लॉक सिस्टम नहीं था। इस दरवाजे के अलावा कमरे में घुसने का कोई और रास्ता नहीं है।

किसी नेता का कोई फोन नहीं आया
पुलिस का कहना है कि सांसद रामस्वरूप के दोनों मोबाइल की कॉल लॉग को देखा गया है। किसी नेता या ब्यूरोक्रेट ने उन्हें न तो फोन किया और न सांसद ने फोन किया। सांसद के पास एक फोन मंडी से आया था। ये किसी कार्यकर्ता ने किया है और मंदिर निर्माण को लेकर बात की थी। 

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